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खरगोन में गणेश उत्सव की धूम; गजानन को पहनाया जाएगा हीरे का मुकुट

Ganesh Chaturthi 2024: देश भर में आज गणेश चतुर्थी मनाई जाएगी. आज भक्त अपने घरों में गजानन को स्थापित करेंगे. मध्य प्रदेश में भी इसकी रौनक देखी जा रही है. यहां के खरगोन जिले में 500 साल पुराने सिद्धि विनायक गणेश मंदिर पर भक्तों का जनसैलाब उमड़ता है. इस मंदिर में साढ़े सात फुट की भव्य मूर्ति देखने को मिलती है. दूर- दराज से भक्त यहां पूजा- अर्चना करने पहुंचते हैं. जानिए क्या है इस बार खास. 

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खरगोन जिले के 500 साल पुराने सिद्धि विनायक गणेश जी की पूजा अर्चना करने दूर- दराज से लोग आते हैं, यहां पर  साढ़े सात फुट की भव्य मूर्ति देखते ही आखों को शांति प्रदान करती है सुकून प्रदान करती है.

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आज गणेश उत्सव का प्रथम दिन खास रहेगा क्योंकि गणेशजी को पांच लाख के हीरे का मुकुट पहनाया जायेगा, श्रद्धालु ने अपनी मन्नत पूरी होने पर मंदिर समिति को दान किया. 

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मंदिर समिति बीसा नीमा समाजजनों द्वारा भव्य मंदिर की विशेष साज सज्जा की जाती है, गणेश उत्सव के प्रतिदिन भगवान का अलग अलग भव्य श्रृंगार होता है. 

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मंदिर सिद्ध विनायक नाम होने के पीछे मंदिर में भगवान के खुद सिद्ध मूर्ति होना बताया जाता है, बताया जाता है करीब साढ़े फीट ऊंचाई वाली यह गणेशजी की पत्थर की मूर्ति 500 वर्ष पहले नागा साधु कही दूर से गाड़े पर (बैलगाड़ी पर) लेकर आ रहे थे. 

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खरगोन कुंदा नदी तट पर विश्राम के लिए रुके ।बैलों को राहत के लिए मूर्ति को नीचे उतार दी, कुछ रुक कर नागा साधु वापस आगे जाने के लिए बढ़ने लगे. 

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गणेशजी की मूर्ति को सभी के प्रयास उठाने का प्रयास किया मगर मूर्ति अपनी जगह से इंच भर भी नहीं उठी, काफी लोग और जतन के बाद भी मूर्ति के नही उठाए जाने पर नागा साधु यही पर मूर्ति को स्थापित कर अपनी आगे की यात्रा पर निकल गए तब से मूर्ति यही अपनी भव्यता के साथ स्थापित है. 

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श्रद्धालु द्वारकादास बताते है गणेश उत्सव के दस दिन काफी भीड़ मंदिर में दर्शन के लिए उमड़ी है प्रतिदिन 40 से 50 हजार तो किसी दिन एक लाख से अधिक श्रद्धालु दर्शन करते हैं, गणेशजी की सिद्ध मूर्ति है. 

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पत्थर की मूर्ति में गणेशजी के गले में 108 रुद्राक्ष की माला ,हाथ में अंगूठी पर मंत्र और हाथ में ऊं लिखा है. वीणा चंद्रकांत सोनी ने दो माह की मेहनत से मुकुट की बाकी आकृति को सुंदर तरीके से तैयार किया है, इस पर चंद्रमा बना हीरा जड़ा तिलक लगाकर गणेशजी को पहनाया जायेगा.