निर्जला एकादशी व्रत पर इस विधि से करें पूजा और दान, होगी महापुण्य की प्राप्ति
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निर्जला एकादशी व्रत पर इस विधि से करें पूजा और दान, होगी महापुण्य की प्राप्ति

Nirjala Ekadashi 2022: ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष में पड़ने वाली निर्जला एकादशी का विशेष महत्व है. मान्यता है कि इस दिन किए गए दान-पुण्य से महापुण्य की प्राप्ति होती है. आइए जानते हैं कैसे रखें निर्जला एकादशी का व्रत और किस विधि से करें पूजा.

 

निर्जला एकादशी व्रत पर इस विधि से करें पूजा और दान, होगी महापुण्य की प्राप्ति

शुभम शांडिल्य/नई दिल्लीः हिंदू धर्म में निर्जला एकादशी व्रत का विशेष महत्व है. हिंदू पंचाग के अनुसार वर्ष में चौबीस एकादशी होती है. एकादशी व्रत में मां लक्ष्मी और भगवान विष्णु की पूजा की जाती है. वैसे तो बहुत से लोग साल में पड़ने वाले सभी एकादशी का व्रत रखते हैं. लेकिन ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष में पड़ने वाली एकादशी का फल विशेष पुण्यदायी माना जाता है. धार्मिक मान्यता अनुसार जो व्यक्ति निर्जला एकादशी का व्रत रखते हैं, उन्हें वर्ष भर के एकादशी व्रत का फल मिलता है. इस एकादशी को निर्जला एकादशी इसलिए कहा जाता है, क्योंकि इस व्रत में पानी पीना भी वर्जित होता है. इस बार निर्जला एकादशी का व्रत 10 जून यानी शुक्रवार को रखा जाएगा. आइए जानते हैं इस व्रत में किस विधि से करें पूजा और किन वस्तुओं का करें दान?

निर्जला एकादशी व्रत पूजा विधि
ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष में पड़ने वाली निर्जला एकादशी का व्रत 10 जून को रखा जाएगा. इस दिन जो व्यक्ति व्रत रखता है, उसे भगवान विष्णु की प्रतिमा पर पानी वाला नारियल, फूल, फल, धूप, दीप, कपूर, पंचामृत, पान, लौंग, सुपारी और चंदन अर्पित करें. इस दिन भगवान विष्णु की अराधना करते हुए विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करना बहुत कल्याणकारी होता है.

इस दिन मां लक्ष्मी और भगवान विष्णु की पूजा की जाती है. धार्मिक मान्यता अनुसार जो व्यक्ति इस दिन व्रत रखकर विधि-विधान से भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की अराधना करता हैं, उस पर भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है और उसके सारे पाप नष्ट हो जाते हैं 

इन वस्तुओं का करें दान
निर्जला एकादशी व्रत के दिन दान का विशेष महत्व है. ऐसी मान्यता है कि इस दिन गरीबों को अन्न, वस्त्र, बिस्तर, छाता और जल के पात्र को दान करने से महापुण्य मिलता है. इसके अलावा इस दिन जूते का दान करना भी बेहद शुभ माना जाता है. एकादशी का व्रत रखने वालों को पशु पक्षियों को दाना पानी डालना चाहिए.

 

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इन बातों का रखें ख्याल
निर्जला एकादशी का व्रत जून महीने के भीषण गर्मी में हैं. ऐसे में बिना जल ग्रहण किए व्रत रखना बेहद कठिन काम होता है. ऐसे में यदि आप बिना पानी के व्रत नहीं रह पाते हैं तो स्वास्थ को लेकर लापरवाही बिल्कुन न करें और पानी में नींबू मिलाकर पिएं. निर्जला एकादशी का व्रत रखने के एक दिन पहले मास-मदिरा का सेवन बिल्कुल न करें. यह व्रत शारीरिक और मानसिक संयम का पालन करने का है. इस दिन जितना संभव हो जरूरतमंदों की मदद करें.

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(disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं और सामान्य जानकारियों पर आधारित है. zee media इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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