Narmadapuram News: नर्मदापुरम जिले के कलेक्टर नीरज कुमार सिंह की शानदार पहल से गलियों व मुहल्लों में घूमने वाले बच्चों को चिन्हित कर उनका एडमिशन कराया गया है.
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अभिषेक गौर/नर्मदापुरम: जिले में बच्चों का भविष्य संवरता नजर आ रहा है. मध्यप्रदेश (MP News) नर्मदापुरम जिले (Narmadapuram News) के कलेक्टर नीरज कुमार सिंह की अभिनव पहल से सड़कों,गली मोहल्लों में घूमते हुए ऐसे बच्चें जो किसी कारणवश बीच में स्कूल छोड़ चुके हैं या जिनका स्कूल में प्रवेश ही नहीं हुआ हैं. ऐसे सभी बच्चों का श्रम एवं बाल श्रम से जुड़ी संस्थाओं द्वारा सर्वे कर उनका स्कूलों में एडमिशन कराने की अभिनव पहल कलेक्टर द्वारा की जा रही है. जिससें बच्चों के उज्जवल और सुरक्षित भविष्य का निर्माण हो सकें.
आपको बता दें कि कलेक्टर नीरज कुमार सिंह के निर्देश पर कराए गए सर्वे में नर्मदापुरम नगर के बंगाली कॉलोनी स्थित सरदारपुरा वार्ड में सबसे अधिक बच्चे ऐसे पाए गए. जिनका स्कूलों में एडमिशन नहीं हुआ है. कराये गए सर्वे के मुताबिक आज कलेक्टर नीरज कुमार सिंह एवं पुलिस अधीक्षक डॉ गुरुकरन सिंह नर्मदापुरम नगर के बंगाली कॉलोनी स्थित सरदारपुरा वार्ड पहुंचे यहां वार्ड की सकरी गलियों में अधिकारियों के साथ घूमकर उन्होंने बच्चों एवं उनके परिजनों को शिक्षा के महत्व के बारे बताते हुए बच्चों को अनिवार्य रूप से स्कूल भेजने के लिए प्रेरित किया.
कलेक्टर, एसपी ने कराया बच्चों का एडमिशन
इसके बाद कलेक्टर एवं एसपी यहीं नहीं रुके उन्होंने भ्रमण के दौरान ऐसे चिन्हित सभी 8 बच्चों कों पढ़ने और स्कूल में ले जाकर एडमिशन कराने के लिए प्रेरित किया तो बच्चें भी तैयार हो गए और खुशी-खुशी स्कूल जाने के लिए कलेक्टर एवं एसपी के साथ निकल पड़े. कलेक्टर, एसपी ने स्वयं बच्चों को वार्ड के शासकीय हाई स्कूल ग्वालटोली ले जाकर उनका अपने हाथों से उनका एडमिशन कराया. साथ ही उन्होंने बच्चों से कहा कि रुकना नहीं है,स्कूल जाना है. शिक्षा से ही हम अपना और अपने परिवार के जीवन को उज्जवल बना सकते हैं. इस दौरान कलेक्टर ने जिला परियोजना समन्वयक जिला शिक्षा केंद्र को निर्देशित किया कि सर्वे में चिन्हित ऐसे सभी बच्चों का स्कूल में एडमिशन कराया जाना सुनिश्चित कराएं और यह भी सुनिश्चित करें कि वह निरंतर स्कूल जाएं. वहीं वार्डवासियों ने कलेक्टर, एसपी की इस पहल की सराहना कर कहा कि हमारे बच्चों की चिंता कर कोई अधिकारी पहली बार हमारे घर पहुंचे हैं. हमारे बच्चों का भविष्य अब सुरक्षित हाथों में हैं.