MP News: मध्य प्रदेश में EOW ने बड़ी कार्रवाई की है. EOW की टीम ने राजधानी भोपाल के चर्चित बिल्डर LN मालवीय समेत PWD विभाग के 5 अधिकारियों के खिलाफ केस दर्ज किया है. इनके खिलाफ धोखाधड़ी, फर्जीवाड़ा और साजिश के तहत भ्रष्टाचार के नियम की धाराओं के तहत FIR दर्ज की गई है. जानें पूरा मामला-
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Bhopal News: EOW (Bureau of Economic Investigation) की टीम ने भोपाल के चर्चित बिल्डर LN मालवीय समेत PWD विभाग के 5 अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की है. इन सभी के खिलाफ सरकार को 13 करोड़ रुपए से भी ज्यादा का नुकसान पहुंचाने का आरोप है. लंबे समय तक जांच के बाद EOW की टीम ने सभी के खिलाफ धोखाधड़ी, फर्जीवाड़ा और साजिश के तहत भ्रष्टाचार के नियम की धाराओं के तहत FIR दर्ज की है.
EOW की कार्रवाई
EOW की टीम ने कई महीनों की जांच के बाद चर्चित बिल्डर LN मालवीय और लोक निर्माण विभाग के पांच अधिकारियों के खिलाफ भ्रष्टाचार और जालसाजी का केस दर्ज किया है. इनमें एलएन इंफ्रा कंपनी के डायरेक्टर LN मालवीय, PWD के AE सजल उपाध्याय, SE एमपी सिंह, तत्कालीन ENC नरेंद्र कुमार और तत्कालीन फाइनेंशियल एडवाइजर आरएन मिश्रा का नाम शामिल है. ट
कई महीनों की जांच में हुआ खुलासा
EOW की कई महीनों की जांच में खुलासा हुआ है कि जबलपुर में पुल और सड़कों के निर्माण में हेरफेर हुई है. जबलपुर में पुल और सड़कों के निर्माण के लिए एल एन इंफ्रा कंपनी को कंसलटेंट बनाया गया था. विभाग ने कंसलटेंट कंपनियों के लिए 12 करोड़ का फंड रखा था. लेकिन अधिकारियों और कंसलटेंसी ने मिलकर 26 करोड़ रुपए LN इंफ्रा को दिए. ऐसे में सरकार को 13 करोड़ रुपए से भी ज्यादा का नुकसान पहुंचाने का खुलासा हुआ है.
213 प्रतिशत भुगतान
इसके अलावा EOW की जांच में ये भी खुलासा हुआ है कि अब तक इस प्रोजेक्ट में महज 47 फीसदी काम हुआ और भुगतान 213 प्रतिशत का किया गया है. साथ ही इंफ्रा के पदाधिकारियों द्वारा फर्जी दस्तावेज लगाकर निविदा प्राप्त की गई है.
बता दें कि इस बात का सत्यापन नहीं किया गया है कि अनावेदक मेसर्सएल.एन. मालवीय इंफ्रा प्रा. लि. द्वारा फर्जी तरीके से key experts CV (Curriculum vitae) लगाकर निविदा प्राप्त की गई है. आई.आर.सी. (इण्डियन रोड कांग्रेस) की जो रसीदें लगाई गई हैं वह फर्जी पाई गई हैं. अधिकारी यह जानते थे कि आई.आर.सी. की रसीद पुस्तिका में केवल 100 रसीदें होती है. 100 नंबर के बाद की रसीदें जारी नहीं की जाती है. इसके बावजूद अधिकारियों ने अनावेदक एल. एन. मालवीय को अवैध आर्थिक लाभ देने के लिए अधिकतम अंक देकर टेंडर स्वीकृत कर दिया.
इनपुट- भोपाल से आकाश द्विवेदी की रिपोर्ट, ZEE मीडिया