मध्य प्रदेश में नर्मदा किनारे हो रही भारी बारिश की वजह से खंडवा जिले में स्थित ओमकारेश्वर बांध के बाद आज रविवार को इंदिरा सागर बांध के गेट भी खोल दिए गए. इंदिरा सागर बांध का छोड़ा हुआ पानी ओमकारेश्वर बांध में जाता है, इसलिए शनिवार को ओमकारेश्वर बांध के 14 गेट खोलकर नर्मदा नदी में छोड़ा जा रहा था.
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प्रमोद सिन्हा/खंडवा: मध्य प्रदेश के खंडवा जिले में स्थित ओमकारेश्वर बांध के बाद आज इंदिरा सागर बांध के गेट भी खोल दिए गए. आज 12 गेट खोले गए हैं. इससे 2000 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है. साथ ही बिजली बनाने के लिए टरबाइन भी चलाई जा रही है. उससे भी 1800 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है. इस प्रकार लगभग 3800 क्यूसेक पानी इंदिरा सागर बांध से छोड़ा जा रहा है.
बारिश से नर्मदा नदी में जलस्तर बढ़ा
इंदिरा सागर बांध का छोड़ा हुआ पानी ओमकारेश्वर बांध में जाता है, इसलिए शनिवार को ओमकारेश्वर बांध के 14 गेट खोलकर नर्मदा नदी में छोड़ा जा रहा था. नर्मदा घाटी क्षेत्र में लगातार हो रही बारिश से नर्मदा नदी में जलस्तर बढ़ रहा है. इसी को ध्यान में रखते हुए बांधों का जलस्तर मेंटेन करने के लिए पानी छोड़ा जा रहा है.
नर्मदा किनारे बसे हुए गांव के लोगों को किया अलर्ट
बांध नियंत्रित करने वाली एजेंसी एनएचपीसी ने बांधों के डाउनस्ट्रीम में बसे हुए जिला अधिकारियों को पहले ही सूचित कर दिया है. खंडवा, देवास, खरगोन , बड़वानी और धार जिलों में भी नर्मदा किनारे बसे हुए गांव के लोगों को अलर्ट किया गया है. इन गांव के लोगों को किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए सतर्क किया गया है. स्थानीय प्रशासन, रेवेन्यू के कर्मचारी और होमगार्ड के जवान लगातार इन गांव में मुनादी कर रहे हैं.
नर्मदा में नहाने के लिए लोगों को किया मना
इससे पहले ओमकारेश्वर बांध के 14 गेट खोलने से खरगोन के बड़वाह और महेश्वर सहित नर्मदा पट्टी में जल स्तर बढ़ गया है. मगर अभी गर्मी काल में सूखे नर्मदा पाट को ही लबालब किया है. प्रशासन ने खरगोन जिले के नर्मदा पट्टी इलाको में अलर्ट घोषित किया है. वहीं नर्मदा नदी में स्नान करने से लोगों को मना कर दिया गया है.
खतरे के निशान के ऊपर नर्मदा
बड़वानी में नर्मदा नदी खतरे के निशान के ऊपर हो गई है. प्रशासन ने निचली बस्तियों में रहने वाले लोगों को अलर्ट कर दिया है. जलस्तर बढ़ने से राजघाट पुल पर आवागमन पूरी तरह बंद कर दिया गया है. निगरानी के लिए पुलिसकर्मी को तैनात किया गया है. बता दें कि राजघाट पर जलस्तर 123 पॉइंट 8 हो चुका है, जबकि खतरे का निशान 123 मीटर पर है.
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