MP में मंत्रियों को जल्द मिल सकते हैं प्रभार के जिले, अमित शाह से मिल चुके हैं CM मोहन
Advertisement
trendingNow1/india/madhya-pradesh-chhattisgarh/madhyapradesh2344896

MP में मंत्रियों को जल्द मिल सकते हैं प्रभार के जिले, अमित शाह से मिल चुके हैं CM मोहन

MP Politics: मध्य प्रदेश में जल्द ही मंत्रियों को उनके प्रभार के जिले भी मिल सकते हैं, सीएम मोहन यादव ने हाल ही में अमित शाह से मुलाकात की थी. जिसके बाद अटकलों का दौर शुरू हो गया है. 

मंत्रियों को जल्द मिल सकते हैं प्रभार के जिले

MP News: मध्य प्रदेश में मोहन सरकार के गठन के बाद से अब तक मंत्रियों को उनके प्रभार के जिले नहीं सौंपे गए हैं. लेकिन राजनीतिक गलियारों में चर्चा तेज हैं कि जल्द ही मंत्रियों को उनके प्रभार के जिले मिलने वाले हैं. सीएम मोहन यादव ने हाल ही में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी. जिसके बाद से इन अटकलों को और बल मिलता नजर आ रहा है. इसके अलावा मंत्री रामनिवास रावत को उनका विभाग भी जल्द मिल सकता है. 

15 अगस्त से पहले होगा बंटवारा

दरअसल, सरकार और मोहन कैबिनेट के गठन के बाद सरकार अपने कार्यकाल के 6 महीने भी पूरे कर चुकी हैं. लेकिन अब तक मंत्रियों को उनके प्रभार के जिले नहीं सौंपे गए हैं. लेकिन अब माना जा रहा है कि कुछ दिनों में ही मंत्रियों को उनके प्रभार के जिले सौंप दिए जाएंगे. माना जा रहा है कि 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस समारोह पर प्रभारी मंत्री ही अपने प्रभार के जिलों में ध्वजारोहण कर सकते हैं. ऐसे में जल्द ही मंत्रियों को उनके जिलों का बंटवारा हो जाएगा. 

माना जा रहा है कि सीएम मोहन यादव ने हाल ही में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी. माना जा रहा है कि दोनों नेताओं के बीच प्रभार के जिलों के बंटवारे को लेकर चर्चा हुई है. दरअसल, प्रभार के जिलों में मंत्रियों की सीनियरटी का भी ध्यान रखा जाएगा. इसके अलावा क्षेत्रीय और जातिगत समीकरणों पर भी पूरी नजर रखी जाएगी. वहीं आसपास के मंत्रियों को ही उनके प्रभार के जिले सौंपे जा सकते हैं. ताकि मंत्री ज्यादा से ज्यादा अपने प्रभार के जिलों का दौरा हर महीने में कर सकेंगे. 

ये भी पढ़ेंः दूरी जरूरी या मजबूरी, MP कांग्रेस की बैठक में लगे पोस्टर से गायब हुए दिग्गज, BJP ने कसा तंज

प्रभारी मंत्री के पास होती है बड़ी जिम्मेदारियां 

जिलों के प्रभारी मंत्री के पास बड़ी जिम्मेदारियां होती हैं. प्रभारी मंत्री एक तरह से जिले में मुख्यमंत्री का अधिकार रखता है, जहां कलेक्टर उनके सचिव के तौर पर काम करते हैं. इसके अलावा जिलों के सभी मुद्दों पर प्रभारी मंत्रियों की राय ली जाती है. जिले की संघठनात्मक बैठकों की अध्यक्षता भी जिले के प्रभारी मंत्री ही करते हैं. प्रशासनिक पावर भी प्रभारी मंत्रियों के पास होती है. कलेक्टर और एसपी को जिले की जरूरी रिपोर्ट प्रभारी मंत्री को सौंपनी होती है, फिर यही रिपोर्ट मंत्री मुख्यमंत्री के पास भेजते हैं. ऐसे में माना जा रहा है कि लोकसभा चुनाव के बाद यही एक बड़ा काम बचा हुआ है. जिसे जल्द पूरा किया जा सकता है. 

रावत को मिल सकता है विभाग

सीनियर नेता रामनिवास रावत को मंत्री बने हुए 9 दिन हो चुके हैं, लेकिन अब तक उन्हें विभाग नहीं मिला है. माना जा रहा है कि मंत्रियों को प्रभार के जिले सौंपे जाने के साथ-साथ रामनिवास रावत को उनका विभाग भी सौंपा जा सकता है. रामनिवास रावत 6 बार कांग्रेस के टिकट पर विधानसभा का चुनाव जीत चुके हैं, लेकिन लोकसभा चुनाव के दौरान वह बीजेपी में शामिल हो गए थे. जिसके बाद उन्हें मोहन सरकार में मंत्री बनाया गया है. लेकिन वह उनका विभाग अब तक तय नहीं हुआ है. रावत विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे चुके हैं और उनकी सीट पर जल्द ही उपचुनाव होगा. जहां रावत बीजेपी के टिकट पर उपचुनाव लड़ सकते हैं. 

ये भी पढ़ेंः MP कांग्रेस में दिग्गजों का मंथन, चर्चा से बनेगी बात, जानिए क्यों अहम है यह बैठक

Trending news