DAVV इंदौर पेपर लीक: इतने में बेचा गया था पेपर, 3 की गिरफ्तारी के बाद हुआ बड़ा खुलासा
Advertisement
trendingNow1/india/madhya-pradesh-chhattisgarh/madhyapradesh2284125

DAVV इंदौर पेपर लीक: इतने में बेचा गया था पेपर, 3 की गिरफ्तारी के बाद हुआ बड़ा खुलासा

Indore DAVV Paper Leak Scandal: देवी अहिल्या विश्वविद्यालय इंदौर के एमबीए पेपर लीक मामले में पुलिस ने तीन लोगों को गिरफ्तार किया है. तीनों से पूछताछ की जा रही है.

 

 

DAVV इंदौर पेपर लीक: इतने में बेचा गया था पेपर, 3 की गिरफ्तारी के बाद हुआ बड़ा खुलासा

Indore News: इंदौर में देवी अहिल्या विश्वविद्यालय (DAVV) एमबीए पेपर लीक मामले में पुलिस को बड़ी सफलता मिली है. पुलिस ने तीन लोगों को गिरफ्तार किया है. बता दें कि आइडलिक कॉलेज के कंप्यूटर ऑपरेटर दीपक सोलंकी ने पेपर लीक किया था. दीपक ने 3 इडियट्स फिल्म की तरह कॉलेज प्रिंसिपल के कमरे में पेपर के बंडल की सील लोहे के स्केल से तोड़कर पेपर निकाला और मोबाइल से फोटो खींचकर कॉलेज के ही एक छात्र बेच दिया था.

इतने में बिका था पेपर
बता दें कि एमबीए प्रथम सेमेस्टर की परीक्षा से पहले ही पेपर लीक हो गए थे. आइडलिक कॉलेज के कंप्यूटर ऑपरेटर दीपक सोलंकी ने छात्रों को 2000 रुपए में पेपर बेचा था. कांग्रेस से बीजेपी में आए अक्षय बम के कॉलेज से ही पेपर लीक हुआ था. एमबीए प्रथम सेमेस्टर का क्वांटिटेटिव टेक्निक्स का प्रश्नपत्र 25 मई को और अकाउंट्स का प्रश्नपत्र 28 मई को लीक हुआ था.

यूनिवर्सिटी प्रशासन ने दर्ज कराई थी शिकायत
पेपर लीक मामले में देवी अहिल्या विश्वविद्यालय की कार्यप्रणाली के खिलाफ विभिन्न छात्र संगठनों ने विरोध जताया था. साथ ही पेपर लीक से संबंधित ज्ञापन देवी अहिल्या विश्वविद्यालय को दिया था. छात्र संगठनों ने पेपर लीक करने वालों के खिलाफ मामला दर्ज करने की मांग की थी. घटना के बाद यूनिवर्सिटी प्रशासन ने पुलिस को शिकायत दर्ज कराई थी.

यह भी पढ़ें: MP Board Exam 2024: 12वीं की सप्लीमेंट्री परीक्षा आज, इतने हजार छात्र होंगे शामिल, इस दिन से शुरु होंगे 10वीं के एग्जाम

 

रद्द कर दिए गए दोनों पेपर
एमबीए प्रथम सेमेस्टर का क्वांटिटेटिव टेक्निक्स का प्रश्नपत्र 25 मई को और अकाउंट्स का प्रश्नपत्र 28 मई को लीक हुआ था. इसको लेकर डीएवीवी ने बड़ा फैसला लेते हुए दोनों प्रश्नपत्रों को रद्द कर दिया है. इसके अलावा डीएवीवी ने एक रिटायर्ड जज की अध्यक्षता में जांच कमेटी बनाने का फैसला किया था. इसमें सोशल मीडिया पर वायरल हुए पेपर से लेकर डीएवीवी के विभाग के अधिकारियों पर लगे आरोपों तक की जांच की गई. जांच टीम ने सभी परीक्षा केंद्रों और सैकड़ों छात्रों से पूछताछ कर जानकारी जुटाई. इसके बाद कंप्यूटर ऑपरेटर दीपक सोलंकी को पकड़ा गया.

रिपोर्ट- शिव मोहन शर्मा

Trending news