Amarwara Assembly Seat By Election: निर्वाचन आयोग ने मध्य प्रदेश की एक विधानसभा सीट पर उपचुनाव का ऐलान कर दिया है, कांग्रेस विधायक के इस्तीफे की वजह से यह सीट खाली हुई थी, जिससे फिर 1 सीट पर मध्य प्रदेश विधानसभा उपचुनाव के लिए तैयार है.
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MP Amarwara Assembly Seat By-Election in Chhindwara: लोकसभा चुनाव खत्म होते ही निर्वाचन आयोग ने देश में खाली हुई विधानसभा सीटों पर उपचुनावों का ऐलान कर दिया है. निर्वाचन आयोग ने देश की 10 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव की तारीखों का ऐलान किया है, जिसमें मध्य प्रदेश की भी एक विधानसभा सीट शामिल है. जिस पर कांग्रेस के विधायक ने इस्तीफा दे दिया और वह बीजेपी में शामिल हो गए थे. ऐसे में यह सीट खाली हो गई थी.
अमरवाड़ा में होगा उपचुनाव
छिंदवाड़ा जिले की खाली अमरवाड़ा विधानसभा सीट पर उपचुनाव का ऐलान हुआ है, यहां पर 10 जुलाई को वोटिंग होगी. बता दें कि कांग्रेस विधायक कमलेश शाह के इस्तीफे की वजह से यह सीट खाली हो गई थी. कांग्रेस विधायक कमलेश शाह कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हो गए थे, जिसके बाद उन्होंने विधायकी से इस्तीफा दे दिया था, जहां विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर ने उनका इस्तीफा स्वीकार कर लिया था. जिससे चुनाव आयोग ने इस सीट को खाली घोषित कर दिया था. अमरवाड़ा सीट पर नामांकन जमा करने की प्रक्रिया 14 जून से शुरू होगी और 21 जून को नामांकन की आखिरी तारीख रहेगी. 24 जून को नामांकन पत्रों की जांच होगी और नाम वापस लेने की आखिरी तारीख 26 जून रहेगी.
13 को होगी मतगणना
निर्वाचन आयोग ने अमरवाड़ा विधानसभा सीट पर उपचुनाव की वोटिंग की तारीख 10 जुलाई तय की है, वहीं 13 जुलाई को इस सीट पर वोटों की गिनती होगी. कांग्रेस से इस्तीफा देने वाले कमलेश शाह यहां से 2023 का विधानसभा चुनाव जीते थे, उन्होंने बीजेपी की मोनिका शाह बट्टी को हराया था. लेकिन वह बीजेपी में शामिल हो गए, जिसके बाद 29 मार्च को उनका इस्तीफा मंजूर कर लिया गया था. कमलेश शाह के साथ उनकी पत्नी और हर्रई नगर पालिका की पूर्व अध्यक्ष माधवी शाह, उनकी बहन जिला पंचायत सदस्य केसर नेताम भी बीजेपी में शामिल हो गई थी.
हैट्रिक लगा चुके हैं कमलेश शाह
बता दें कि कमलेश शाह की गिनती कांग्रेस में कमलनाथ के करीबी नेताओं में होती थी, लेकिन लोकसभा चुनाव के दौरान वह बीजेपी में शामिल हो गए थे. कमलेश शाह अमरवाड़ा विधानसभा सीट से जीत की हैट्रिक लगा चुके हैं, वह 2013 में पहली बार कांग्रेस के टिकट पर चुनाव जीते थे, जबकि 2018 और 2023 में भी उन्होंने यहां से जीत हासिल की थी. कांग्रेस विधायक के इस्तीफे के बाद मध्य प्रदेश में कांग्रेस के 66 में से अब 65 विधायक बचे हैं.
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