सीएम बघेल पढ़ाई के लिए पैदल पहुंच जाते थे टीचर के घर, शिक्षक ने सुनाया रोचक किस्सा...
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सीएम बघेल पढ़ाई के लिए पैदल पहुंच जाते थे टीचर के घर, शिक्षक ने सुनाया रोचक किस्सा...

5 सितंबर के दिन आज पूरे देश भर में डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्मदिन शिक्षक दिवस के रूप में बड़े धूमधाम से मनाया जाता है.

सीएम बघेल पढ़ाई के लिए पैदल पहुंच जाते थे टीचर के घर, शिक्षक ने सुनाया रोचक किस्सा...

हीतेश शर्मा/दुर्ग: 5 सितंबर के दिन आज पूरे देश भर में डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्मदिन शिक्षक दिवस के रूप में बड़े धूमधाम से मनाया जाता है. यह दिन छात्र और छात्राओं के लिए एक बड़ा यादगार दिन होता है, क्योंकि व्यक्ति समाज में जो कुछ भी होता है, जो कुछ भी बनता है, उसमें शिक्षकों का महत्वपूर्ण योगदान होता है. स्कूल से लेकर महाविद्यालय तक और महाविद्यालय से लेकर के राजनीति तक शिक्षक का महत्वपूर्ण योगदान है. इसी कड़ी में आज हम आपको एक ऐसी कहानी बता रहे हैं- जिसे सुनकर आप भी प्रभावित हो जाएंगे. यह कहानी है छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के शिक्षक की.

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दरअसल तात्कालिक मध्यप्रदेश के दुर्ग जिले में पाटन नाम का ब्लॉक है. जहां छत्तीसगढ़ के वर्तमान मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने जिस स्कूल में शिक्षा ग्रहण की और जिस शिक्षक से सबसे ज्यादा पिटाई खाई, हम आज आपको वही कहानी बता रहे हैं. बता दें कि भूपेश बघेल ने कड़ी मेहनत कर शिक्षा ग्रहण की. क्योंकि उस समय आवागमन के इतने ज्यादा साधन नहीं हुआ करते थे साधनों के अभाव के बाद भी मुख्यमंत्री भूपेश बघेल रोजाना पैदल कई किलोमीटर की यात्रा करते और स्कूल जाया करते थे. 

शिक्षक ने बताया सीएम बघेल का परिश्रम
इसी कड़ी में भूपेश बघेल को पढ़ाने वाले दुर्ग जिले के पाटन ब्लाक के अंतर्गत आने वाले मर्रा गांव के शिक्षक हीरा सिंह ठाकुर बताते हैं कि किस तरह भूपेश बघेल ने कड़े संघर्ष के साथ पढ़ाई की है. शिक्षक हीरा सिंह ठाकुर ने zee मीडिया की टीम को बताया कि कक्षा सातवीं और आठवीं में भूपेश बघेल को उन्हें गणित विषय पढ़ाने का मौका मिला था. उन्होंने सन 1973-74 और 75 में भूपेश बघेल ने गणित विषय की पढ़ाई हीरा सिंह ठाकुर से ही की थी. उन्होंने बताया कि पढ़ाई में भूपेश बघेल शुरू से ही सामान्य छात्र थे. लेकिन पढ़ाई के प्रति उनकी लग्न देखने लायक थी.

सुबह पहुंच जाते थे शिक्षक के घर
यदि गणित का कोई सवाल उन्हें समझ नहीं आता था तो वे सुबह 5:00 बजे उठ कर पैदल बेलौफी से मर्रा गांव गुरु जी के निवास पर पहुंच जाते थे और अपनी समस्या का निराकरण करवाते थे. इतना ही नहीं भूपेश बघेल के शिक्षक हीरा सिंह ठाकुर ने यह भी बताया कि पढ़ाई में औसत होने के बाद भी उन्हें मार भी पड़ती थी लेकिन मार पड़ने पर भूपेश बघेल रोते नहीं थे. 

लड़कियों को पड़ी मार तो खुश हुए बघेल
शिक्षक हीरा सिंह ठाकुर ने बताया कि भूपेश मार खाने के बाद खुश होता था क्योंकि उस समय उनकी कक्षा में पढ़ने वाली लड़कियों को भी मार पड़ती थी. लड़कियों को मार पड़ने पर भूपेश बघेल खूब खुश होते थे. हीरा सिंह ठाकुर ने बताया कि वो आज खुश है कि उनका पढ़ाया हुआ छात्र आज प्रदेश का नेतृत्व कर रहा है. छत्तीसगढ़ का सीएम है.

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