दो बार नीट परीक्षा में फेल हुआ था छात्र, इस बार NEET परीक्षा से एक दिन पहले किया सुसाइड
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दो बार नीट परीक्षा में फेल हुआ था छात्र, इस बार NEET परीक्षा से एक दिन पहले किया सुसाइड

दुर्ग जिले के रिसाली के प्रगति नगर में एक छात्र किराए के घर में रहकर नीट तैयारी कर रहा था लेकिन नीट की परीक्षा के ठीक पहले ही उसने अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली इतना ही नहीं आत्महत्या के पहले बकायदा एक वीडियो बनाया और उसे अपने कुछ दोस्तों को भेजा भी जिसके बाद उसने पंखे से लटक कर जान दे दी.

दो बार नीट परीक्षा में फेल हुआ था छात्र, इस बार NEET परीक्षा से एक दिन पहले किया सुसाइड

हितेश शर्मा/दुर्ग: दुर्ग जिले के रिसाली के प्रगति नगर में एक छात्र किराए के घर में रहकर नीट तैयारी कर रहा था लेकिन नीट की परीक्षा के ठीक पहले ही उसने अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली इतना ही नहीं आत्महत्या के पहले बकायदा एक वीडियो बनाया और उसे अपने कुछ दोस्तों को भेजा भी जिसके बाद उसने पंखे से लटक कर आत्महत्या कर ली.

दरअसल बेमेतरा के बेरला का रहने वाला प्रभात निषाद रिसाली प्रगति नगर में किराए का मकान लेकर रहता था और नीट की तैयारी कर रहा था. पिछले 2 सालों से लगातार दिन-रात एक कर उसने नीट की तैयारी की दो बार परीक्षा विधि और दोनों बार असफल हुआ. लेकिन इस बार परीक्षा के पहले ही उसने अपनी जीवन लीला ही समाप्त कर ली.

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दोस्तों के उड़े होश
शनिवार की शाम को उसके दोस्त मिलने घर पहुंचे तो जोर-जोर से दरवाजा खटखटाने के बाद भी प्रभात ने दरवाजा नहीं खोला. किसी अनहोनी की आशंका के साथ जब दोस्तों ने खिड़की से झांककर कमरे के भीतर देखा तो आंखे फ़टी रह गई. छात्र प्रभात कुमार निषाद पंखे पर चादर का फंदा बांधकर आत्महत्या कर चुका था.

बच्चों पर आवश्यक दबाव न बनाएं
अब छात्र का आत्महत्या से पहले बनाया वीडियो अब वायरल हो रहा है. छात्र ने भावुक होकर वीडियो में कहा गया है कि पैरेंट्स को लगता है हम पर प्रेशर नहीं हैं. एग्जाम ही तो हैं. बच्चों पर आवश्यक दबाव न बनाएं एक असफलता से जिंदगी रुकती नहीं. बोर्ड के रिजल्ट आने वाले है,बच्चों का साथ दें.

बच्चों का हौसला बढ़ाए
वहीं इस पूरे मामले पर दुर्ग एसपी डॉक्टर अभिषेक पल्लव ने बच्चे और पैरेंट्स दोनों को ही एग्जाम की ऐंटिसिपेटी इंजायटी रहती हैं. एग्जाम से पहले घबराएं रहते हैं. इस स्थिति में घर परिवार से दूर रहकर जो बच्चा प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहा है. उसके मन में बहुत कुछ चल रहा होता है. परीक्षा के दौरान बेहतर नहीं कर पाने की घबराहट होती है. ऐसे में यह बेहतर होता है कि परिवार परीक्षा और परिणाम के पहले तक अपने बच्चों के साथ रहें,उनका हौसला बढ़ाएं.

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