राजनांदगांव (Rajnandgaon News) जिले में एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है. दरअसल यहां सरपंचों ने एसडीएम, सीईओ समेत कई प्रशासनिक अधिकारियों को बंधक बना लिया. तहसीलदार ने मौके पर पहुंचकर अधिकारियों को मुक्त कराया.
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किशोर शिल्लेदार/राजनांदगांवः जिले के सरपंचों ने आज जनपद कार्यालय में ताला जड़ दिया और एसडीएम, सीईओ समेत एक दर्जन प्रशासनिक अधिकारियों को बंधक बना लिया. दरअसल सरपंच मनरेगा योजना के तहत भुगतान नहीं होने से नाराज थे और इसी नाराजगी के चलते उन्होंने प्रशासनिक अधिकारियों को बंधक बना लिया.
जानिए क्या है पूरा मामला
राजनांदगांव जिले के छुरिया में लगभग ढाई साल से मनरेगा योजना का भुगतान अटका हुआ है. लंबे समय से जिले के सरपंच भुगतान करने की मांग कर रहे हैं लेकिन काफी समय बीत जाने के बाद भी भुगतान नहीं हो सका है. इसी से नाराज होकर सरपंच संघ ने आज जनपद कार्यालय पहुंचकर वहां ताला जड़ दिया. जिसके चलते जनपद कार्यालय में बैठे एसडीएम, सीईओ समेत करीब दर्जन भर अधिकारी बंधक बन गए. प्रशासनिक अधिकारी करीब एक घंटे तक बंधक रहे. इसके बाद तहसीलदार ने मौके पर पहुंचकर सरपंचों को समझाने की कोशिश की लेकिन जब सरपंच नहीं माने तो ताला तोड़कर अधिकारियों को मुक्त कराया गया.
सरपंचों की मांग है कि मनरेगा योजना का भुगतान दिवाली से पहले किया जाए. सरपंच संघ के अध्यक्ष धर्मेंद्र साहू ने बताया कि मनरेगा योजना का भुगतान नहीं होने से ठेकेदार आए दिन सरपंचों को परेशान करते हैं. सुबह से ही घर पर गाली गलौज भी करते हैं. जिससे सरपंच तंग हो गए हैं. सरपंचों का कहना है कि ठेकेदारों का रुपए मांगना वाजिब है लेकिन विभाग द्वारा रुपए जारी नहीं करना सरपंचों के लिए मुसीबत की वजह बना हुआ है.
कुछ सरपंचों ने तो अपनी जमीन जायदाद बेचकर ठेकेदारों का भुगतान किया है. सरपंच संघ के अध्यक्ष के मुताबिक इसकी वजह से कई सरपंच 20-30 लाख रुपए तक के कर्जदार हो गए हैं. यही वजह है कि हालात बिगड़ने पर सरपंचों का गुस्सा फूट पड़ा और उन्होंने प्रशासनिक अधिकारियों को बंधक बना लिया.
अधिकारी बोले- तकनीकी समस्या
वहीं जनपद पंचायत के सीईओ तरुण देशमुख का कहना है कि तकनीकी समस्या के चलते भुगतान नहीं हो सका है. उन्होंने कहा कि जो भी तकनीकी समस्या है, उससे उच्च अधिकारियों को अवगत करा दिया गया है. एसडीएम सुनील कुमार नायक ने कहा कि सॉफ्टवेयर संबंधित कोई दिक्कत होगी, जिसे ठीक करने की कोशिश की जा रही है.