Mahadev App Scam: महादेव सट्‌टा ऐप केस में कई बड़े खुलासे, दो आरोपियों को कोर्ट में पेश करेगी ईडी
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Mahadev App Scam: महादेव सट्‌टा ऐप केस में कई बड़े खुलासे, दो आरोपियों को कोर्ट में पेश करेगी ईडी

Mahadev Satta App Case: छत्तीसगढ़ में महादेव सट्टा एप मामले में ईडी की कार्रवाई लगातार जारी है. आज ईडी आरोपी गिरिश तलरेजा और सूरज चोखानी को कोर्ट में पेश करेगी. कोर्ट दोनों ही आरोपियों की रिमांड बढ़ाने की मांग कर सकती है.

Mahadev App Scam: महादेव सट्‌टा ऐप केस में कई बड़े खुलासे, दो आरोपियों को कोर्ट में पेश करेगी ईडी

Mahadev Satta App Case: छत्तीसगढ़ में महादेव सट्टा एप मामले में ईडी की कार्रवाई लगातार जारी है. इस मामले में दो आरोपियों गिरीश तलरेजा और सूरज चोखानी को ईडी आज कोर्ट में पेश करेगी. ईडी की रिमांड में दोनों आरोपियों ने कई राज उगले है. इसके अलावा लोटस 365 ऐप का खुलासा और रतनलाल जैन की संलिप्तता भी सामने आई है. 

बता दें कि आरोपियों से पूछताछ में ये खुलासा हुआ है कि वो सट्टे के पैसे को शेयर बाजार में लगाता थे. ED से प्राप्त जानकारी के अनुसार सट्टा ऐप का करीब 1190 करोड़ का पोर्टफोलियो है.

आज कोर्ट में पेशी 
आज दोनों ही आरोपियों की रिमांड खत्म हो रही है. ऐसे में ईडी 7 दिन की रिमांड खत्म होने पर आज दोनों आरोपियों को कोर्ट में पेश करेगी.  इस मामले में ईडी को कई और अहम खुलासे होने की उम्मीद है, इसलिए ईडी रिमांड बढ़ाने की अपील कर सकती है.

शेयर मार्केट से करते थे व्हाइट
ईडी की जांच में पता चला है कि सट्टे के पैसे को सूरज चोखानी, हरि टिबरेवाल के साथ मिलकर कैसे व्हाइट मनी में तब्दील करता था. दरअसल टिबरेवाल ने सट्टेबाजी वेबसाइट स्काईएक्सचेंज के लिए भी महादेव ऑनलाइन बुक के प्रमोटरों के साथ भी पार्टनरशिप की थी. शंकर टिबरेवाल ने स्टॉक मार्केट में पैसे लगाने की आड़ में गलत तरीके से कमाए काले पैसों को वैध बनाने के लिए चोखानी का इस्तेमाल किया था.

लोटस 365 एप का संचालन भी किया
ईडी की जांच में ये भी खुलासा हुआ है कि गिरीश तलरेजा लोटस 365 नाम से एक कथित सट्टेबाजी ऐप का संचालन कर रहा था. जो महादेव सट्टा ऐप (Mahadev Satta App) का सहायक ऐप है. जिससे तलरेजा ने करोड़ों रुपए कमाए थे. फिलहाल ईडी दोनों अरोपियों को 11 मार्च को स्पेशल कोर्ट में पेश करने वाली है. ईडी की टीम जल्द ही सट्टा एप से जुड़े अन्य लोगों पर शिकंजा कस सकती है.

रिपोर्ट - रुपेश गुप्ता

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