NITI Aayog Meeting: नीति आयोग की बैठक में शामिल हुए CM भूपेश बघेल, PM मोदी से की ये बड़ी मांग
Advertisement
trendingNow1/india/madhya-pradesh-chhattisgarh/madhyapradesh1713813

NITI Aayog Meeting: नीति आयोग की बैठक में शामिल हुए CM भूपेश बघेल, PM मोदी से की ये बड़ी मांग

Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल आज नीति आयोग की बैठक में शामिल हुए. इस दौरान उन्होंने केंद्रीय करों में राज्य के हिस्से की 2659 करोड़ की राशि जल्द उपलब्ध कराने, कोयला और अन्य प्रमुख खनिजों की रॉयल्टी दरों में संशोधन करने समेत अन्य कई बड़ी मांग पीएम मोदी के समझ रखी.

NITI Aayog Meeting: नीति आयोग की बैठक में शामिल हुए CM भूपेश बघेल, PM मोदी से की ये बड़ी मांग

सत्य प्रकाश/रायपुरः छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश (Chhattisgarh Chief Minister Bhupesh Baghel) बघेल नीति आयोग की बैठक में शामिल हुए. बैठक की अध्यक्षता पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने किया. बैठक में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल बैठक में केंद्र सरकार के सामने कई बड़ी मांग की है. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने 2047 का विकसित भारत, टीम इंडिया की भूमिका पर कहा देश की एकता और अखंडता अक्षुण्ण बनाए रखने में राज्यों की अहम भूमिका है. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार राज्यों के अधिकारों का सम्मान करे और उसके हिस्से के संसाधनों को भी हस्तांतरित करने की प्रणाली को और मजबूत बनाए.

मुख्यमंत्री ने एमएसएमई पर जोर देते हुए कहा कि राज्य में ग्रामीण और कुटीर क्षेत्रों में उद्यमिता को बढ़ावा देने तथा क्षेत्र के संसाधनों को स्थानीय स्तर पर उपयोग किए जाने के उद्देश्य से ग्रामीण एवं कुटीर औद्योगिक नीति 2023-24 की घोषणा की गई है. सीएम ने कहा कि एनएमडीसी द्वारा राज्य में स्थित इकाइयों को 25-30 प्रतिशत आयरन ओर ही उपलब्ध कराया जा रहा है, उन्होंने समुचित आयरन ओर राज्य की इकाइयों के लिए उपलब्ध कराने का आग्रह किया. सीएम भूपेश बघेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ के एमएसएमई उद्योगों को एसईसीएल से विगत 2-3 वर्षों से राज्य की आवश्यकता अनुरूप कोल नहीं मिल रहा है, मुख्यमंत्री ने इस विषय पर कार्रवाई कर छत्तीसगढ़ का हित सुरक्षित करने का आग्रह किया.

नीति आयोग के बैठक में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आदिवासी अंचल बस्तर में औद्योगीकरण को बढ़ावा देने के लिए विगत चार वर्षों में लगभग 9 हजार करोड़ रूपए पूंजी निवेश हेतु एमओयू किए गए हैं. इनमें से इस्पात उद्योगों के लिए प्रतिवर्ष 3 मिलियन टन आयरन ओर की आवश्यकता होगी. उन्होंने अनुरोध किया कि इन इस्पात संयंत्रों की उत्पादन क्षमता के अनुरूप आयरन ओर आरक्षित रखा जाए तथा प्राथमिकता के आधार पर उपलब्ध कराया जाए. साथ ही विशेष प्रोत्साहन अंतर्गत एनएमडीसी द्वारा आयरन ओर की दर में भी 30 प्रतिशत छूट दी जाए.

इसके साथ ही उन्होंने 20 हजार से कम आबादी के शहरों में मनरेगा लागू करने का सुझाव भी दिया. मुख्यमंत्री ने रायपुर एयरपोर्ट से अंतर्राष्ट्रीय विमान सेवा शीघ्र शुरू करने व समन्वय हेतु नोडल अधिकारी की नियुक्ति का अनुरोध भी किया. बैठक में उन्होंने छत्तीसगढ़ के 10 आकांक्षी जिलों में सोलर पावर प्लांट की स्थापना के साथ ही 5 मेगावाट तक के सौर ऊर्जा संयंत्रों की स्थापना को हरित गतिविधियों के रूप में मान्य करते हुए वन संरक्षण अधिनियम के अंतर्गत वन व्यपवर्तन से छूट प्रदान करने की मांग की. मुख्यमंत्री ने कहा कि महिलाओं और शिशुओं की देखभाल के सभी कार्यक्रमों के लिए एकीकृत एमआईएस प्रणाली होनी चाहिए, इसके साथ ही उन्होंने केंद्र प्रायोजित योजनाओं के तहत केंद्र-राज्य वित्त पोषण का हिस्सा 75:25 करने का अनुरोध किया.

इसके अलावा उन्होंने बैठक में नवीन पेंशन योजना में जमा 19 हजार करोड़ की राशि की वापसी का मुद्दा भी उठाया. वहीं, उन्होंने जीएसटी क्षतिपूर्ति अनुदान की भरपाई की मांग भी की. मुख्यमंत्री ने कहा कि जीएसटी कर प्रणाली से राज्यों को राजस्व की हानि हुई है. छत्तीसगढ़ जैसे उत्पादक राज्यों के राजस्व हानि की भरपाई की कोई स्थायी व्यवस्था अतिशीघ्र की जाये. सीएम बघेल ने कहा केंद्रीय करों में राज्य का हिस्सा कम प्राप्त हो रहा है, मुख्यमंत्री ने 2659 करोड़ की राशि इस वित्तीय वर्ष में राज्य को उपलब्ध कराने की मांग की

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने खनिजों से मिलने वाली एडिशनल लेवी की 4 हजार 170 करोड़ राशि छत्तीसगढ़ को हस्तांतरण करने का आग्रह किया. वहीं, इस मामले में छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा सर्वोच्च न्यायालय में प्रस्तुत सिविल सूट याचिका में केंद्र सरकार की ओर से जल्द जवाब प्रस्तुत कर निराकरण करने का अनुरोध किया.

इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने कोयला और अन्य प्रमुख खनिजों की रॉयल्टी दरों में संशोधन की मांग की. उन्होंने कहा संशोधन नहीं होने से राज्य के वित्तीय हितों पर विपरीत प्रभाव पड़ रहा है. मुख्यमंत्री ने केंद्रीय बलों की तैनाती पर हुए सुरक्षा व्यय 11 हजार 828 करोड़ रुपए को केंद्र सरकार द्वारा वहन करते हुए राज्य को इस बकाया से मुक्त करने का आग्रह भी किया.

ये भी पढ़ेंः NIA Raid in Jabalpur: अंडरवर्ल्ड डॉन अबू सलेम की पैरवी करने वाला वकील हिरासत में, टेरर फंडिंग के मिले इनपुट!

Trending news