Bhanupratappur By Election: बीजेपी ने अपने स्टार प्रचारकों की सूची मुख्य निर्वाचन अधिकारी को सौंप दी है. बता दें कि भानुप्रतापपुर उपचुनाव में भाजपा ने ब्रह्मानंद नेताम को अपना उम्मीदवार बनाया है.
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चुन्नीलाल देवांगन/रायपुरः भानुप्रतापपुर उपचुनाव के लिए बीजेपी ने अपने स्टार प्रचारकों की लिस्ट जारी कर दी है. भाजपा ने 40 स्टार प्रचारकों की लिस्ट तैयारी की है, जिसमें मध्य प्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान का नाम भी शामिल है. शिवराज सिंह चौहान के अलावा पूर्व सीएम रमन सिंह, छत्तीसगढ़ प्रदेश प्रभारी ओम माथुर, सह प्रभारी नितिन नवीन, क्षेत्रीय महामंत्री अजय जामवाल का नाम भी शामिल है.
इनके अलावा छत्तीसगढ़ भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव, नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल, नंदकुमार साय, सरोज पांडे, रामविचार नेताम, विक्रम उसेंडी, धरमलाल कौशिक, रेनुका सिंह, बृजमोहन अग्रवाल, अजय चंद्राकर आदि नेताओं का नाम शामिल है. बीजेपी ने अपने स्टार प्रचारकों की सूची मुख्य निर्वाचन अधिकारी को सौंप दी है. बता दें कि भानुप्रतापपुर उपचुनाव में भाजपा ने ब्रह्मानंद नेताम को अपना उम्मीदवार बनाया है. ब्रह्मानंद नेताम पूर्व में भी विधायक रह चुके हैं. ब्रह्मानंद नेताम की इलाके में अच्छी पकड़ मानी जाती है. खासकर आदिवासी संगठनों में नेताम अच्छी पकड़ रखते हैं.
वहीं कांग्रेस ने सावित्री मंडावी पर भरोसा जताया है. बता दें कि सावित्री मंडावी कांग्रेस के दिवंगत विधायक मनोज मंडावी की पत्नी हैं. सावित्री मंडावी एक शिक्षिका रही हैं. उपचुनाव की घोषणा होने के बाद उन्होंने शिक्षिका पद से इस्तीफा दे दिया था. उसके बाद से ही कयास लगाए जा रहे थे कि सावित्री मंडावी भानुप्रतापपुर उपचुनाव में कांग्रेस की उम्मीदवार हो सकती हैं. भानुप्रतापपुर सीट मनोज मंडावी के निधन से खाली हुई है. मनोज मंडावी का बीती 16 अक्टूबर को दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया था. भानुप्रतापपुर विधानसभा उपचुनाव के लिए 10 नवंबर को अधिसूचना जारी की गई थी. यहां 17 नवंबर को वोट डाले जाएंगे और 5 दिसंबर को मतगणना होगी और 8 दिसंबर को रिजल्ट घोषित किया जाएगा.
भानुप्रतापपुर उपचुनाव भाजपा और कांग्रेस दोनों के लिए बेहद अहम माना जा रहा है. इसकी वजह ये है कि एक तो यह आदिवासी बहुल इलाका है और यह सीट भी आदिवासी वर्ग के लिए आरक्षित है. ऐसे में दोनों ही पार्टियां उपचुनाव में जीत हासिल कर अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए जनता को संदेश देना चाहती हैं और साथ ही अपने कार्यकर्ताओं का हौसला भी बुलंद रखना चाहती हैं. 2018 में छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद से राज्य में हुए सभी उपचुनाव में कांग्रेस को जीत मिली है. ऐसे में कांग्रेस जहां इस रिकॉर्ड को बरकरार रखना चाहेगी, वहीं बीजेपी आगामी विधानसभा चुनाव में जीत के साथ उतरना चाहेगी.