Narottam Mishra: हार के बाद भावुक होते हुए नरोत्तम मिश्रा ने किया ये बड़ा इशारा, बताया अपना अगला कदम!
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Narottam Mishra: हार के बाद भावुक होते हुए नरोत्तम मिश्रा ने किया ये बड़ा इशारा, बताया अपना अगला कदम!

मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव परिणाम सभी के सामने है. बीजेपी ने प्रचंड जीत के साथ सत्ता में 163 सीटों के साथ जोरदार वापसी की है. इतने बहुमत के बाद भी शिवराज सरकार के 12 मंत्रियों की हार इस चुनाव में हुई है. जिसमें सबसे बड़ा नाम गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा का है.

Narottam Mishra: हार के बाद भावुक होते हुए नरोत्तम मिश्रा ने किया ये बड़ा इशारा, बताया अपना अगला कदम!

Narottam mishra Datia chunav result: मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव परिणाम सभी के सामने है. बीजेपी ने प्रचंड जीत के साथ सत्ता में 163 सीटों के साथ जोरदार वापसी की है. इतने बहुमत के बाद भी शिवराज सरकार के 12 मंत्रियों की हार इस चुनाव में हुई है. जिसमें सबसे बड़ा नाम गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा का है. जो दतिया सीट से 7742 वोटों से हार गए. इतनी बड़ी हार के बाद नरोत्तम मिश्रा अपने चिर-परिचित अंदाज में फिर नजर आए. उन्होंने अपने शायराना अंदाज में इशारों-इशारों में बहुत कुछ कह दिया.

दरअसल नरोत्तम मिश्रा का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. जिसमें नरोत्तम मिश्रा कहते हुए नजर आ रहे हैं कि क्या हार में क्या जीत में किंचित नहीं भयभीत में. कर्म पथ पर जो मिला, यह भी सही है, वह भी सही है. मैं लौटकर आउंगा यह वादा है.

प्रदेश की सबसे हॉट सीट बनी दतिया
बता दें कि मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव की दतिया सबसे हॉट सीट बन गई थी, क्योंकि यहां से प्रदेश के गृहमंत्री व सरकार के प्रवक्ता नरोत्तम मिश्रा चुनाव लड़ रहे थे. उनका मुकाबला कांग्रेस के राजेंद्र भारत से था. मतगणना में कभी आगे कभी पीछे होने के साथ ही अंत में राजेंद्र भारती यहां से जीत जाते हैं. बात 2018 की अगर करे तो यहां से तब नरोत्तम मिश्रा ने राजेंद्र भारती को ही हराया था.

वहीं इस बार चौंकाने वाली बात ये है कि 6 बार के विधायक रहे नरोत्तम मिश्रा करीब 30 साल बाद चुनाव हारे हैं. इस हार का कारण जनता का गुस्सा बताया जा रहा है. पिछले चुनाव में भी वो सिर्फ 2500 वोटों से ही जीते थे. तभी से ये लगने लग गया था कि इस बार के चुनाव में उनकी कड़ी परीक्षा होगी.

चुनाव के बाद कुछ ऐसा रहा नरोत्तम मिश्रा का अंदाज
नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि ''मैं लौट के आउंगा यह मेरा वादा है'' समुद्र का पानी उतरता देखकर किनारे पर घर मत बना लेना. मैं ज्यादा समय शांत रहने वाला जीव नहीं हूं, लेकिन उनको अवसर जरूर देना चाहिए, इस बात का ध्यान दो. मेरा कार्यकर्ता मेरे प्राणों से प्यारा तब भी था और अब भी है. तब आपको लगा होगा कि मैं चुनाव के कारण कह रहा हूं, लेकिन मित्रों सच में कार्यकर्ताओं में मेरे प्राण बसते हैं, मैं जीतू या हारूं. 

नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि बिल्कुल भी चिंता नहीं करना, क्योंकि सरकार आप ही की है. जनता के लिए उसको करने दो. कार्यकर्ताओं के लिए मैं करंगा. हर हफ्ते आपके बीच में इसी कार्यालय में मैं ऐसे ही मिलूंगा. कोई भी दिक्कत होगी, वो आपकी नहीं होगी, वो नरोत्तम की होगी. कोई भी परेशानी आपकी नहीं, नरोत्तम की होगी. कोई भी समस्या आपकी नहीं, मेरी होगी. लेकिन, कार्यकर्ता की. जनता ने उनको चुना है तो उन्हें काम करने दो. वो जैसा विकास करें, वो बीमार की जैसी तालीमदारी करें. वो जैसा सड़कों का विकास करें, पुल पुलिया का विकास करें. उनको वो विकास करने दो, लेकिन कार्यकर्ता के विकास की चिंता मेरी जिम्मेदारी है.

अब इन सब के बीच सवाल ये उठ रहा है कि नरोत्तम मिश्रा का अगला कदम अब क्या होगा? उन्होंने ये बात भी कही है कि वो और ज्यादा ताकत से वापस आएंगे. नरोत्तम मिश्रा की ये ललकार कोई बड़ा इशारा कर रही है? 

रिपोर्ट- प्रमोद शर्मा

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