Jitan Ram Manjhi: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में एक साल से भी अधिक समय बचा हुआ है, लेकिन सियासी सरगर्मी लगातार बढ़ती जा रही है. फिलहाल दो दिनों से केंद्रीय मंत्री, एनडीए के साथी हिंदुस्तान अवाम मोर्चा सेक्युलर के संरक्षक और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के राजनीतिक दावों से मानसून में भी तापमान बढ़ा हुआ है.
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Bihar NDA Politics: 'हम कम से कम 25 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ेंगे, लेकिन हमारी तैयारी 75 से 100 सीटों पर है.' केंद्रीय मंत्री, राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) के साथी हिंदुस्तान अवाम मोर्चा सेक्युलर (HAM) के संरक्षक और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने अपने इस बयान से बिहार की सियासत को अचानक सरगर्म कर दिया है.
दो दिनों में दूसरी बार मांझी ने बिहार में फैलाई सियासी सनसनी
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में साल भर से भी ज्यादा समय बाकी रहने के बावजूद जीतन राम मांझी के इस बयान को लेकर राजनीतिक जानकार भी हैरत में हैं. मांझी ने एक दिन पहले ही बिहार के मुख्यमंत्री और एनडीए की सहयोगी पार्टी जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार पर अपनी पार्टी हम को तोड़ने की कोशिश करने का आरोप लगाकर सनसनी फैला दी थी. इसके बाद बिहार एनडीए में साथियों के बीच कलह की चर्चा होने लगी.
बिहार विधानसभा चुनाव से एक साल पहले सीट बंटवारे पर चर्चा
विधानसभा चुनाव से एक साल पहले ही जीतन राम मांझी के 25 सीटों पर दावा ठोंकने को अभी से दबाव की राजनीति शुरू करने की रणनीति करार दिया जाने लगा है. अचानक नीतीश कुमार पर बयान और फिर इतनी ज्यादा सीटों की मांग कर जीतन राम मांझी ने न सिर्फ एनडीए में भाजपा और जदयू को मैसेज देने का काम किया है, बल्कि बिहार में विपक्ष को हमला करने का एक मौका भी दे दिया है.
2025 में कम से कम 25 सीटों पर जरूर लड़ेंगे- मांझी का दावा
जीतन राम मांझी ने पटना में एक प्रेस कांफ्रेस में साफ तौर पर कहा, '2025 में कम से कम 25 सीटों पर हम जरूर लड़ेंगे. इसके लिए हमारी पार्टी की तैयारी 25 नहीं 75 से 100 सीटों पर है. वहां हम गठबंधन में लोगों को मदद करेंगे. आज हमारी पहचान इसलिए बनी है, क्योंकि लोकसभा चुनाव में जहां हम नहीं भी गए वहां भी हमारे कार्यकर्ताओं ने गठबंधन धर्म का निर्वाह करते हुए एक सौ फीसदी वोटिंग की. जब हम वोट करेंगे तभी ना उनके वोटर भी हमें वोट करेंगे. इसलिए हमने कम से कम 25 सीटों का लक्ष्य रखा है. अगर आगे भी सीट मिलेगा तो जरूर लड़ेंगे, लेकिन हम तैयारी 100 सीटों पर कर रहे हैं ताकि हम सहयोगी दलों को भी मदद कर सकें.'
जदयू ने कहा- आलाकमान करेंगे सीटों का बंटवारा, भाजपा चुप
बिहार विधानसभा चुनाव से इतना पहले ही एनडीए में सीट बंटवारे को लेकर मांझी के दावे पर जदयू के प्रदेश प्रवक्ता अंजुम आरा ने कहा कि सबको अपनी भावना व्यक्त करने का अधिकार है, लेकिन बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में सीट बंटवारे का फैसला एनडीए में शामिल दलों के शीर्ष नेतृत्व आपस में मिल बैठकर ही करेंगे. एनडीए में शामिल भाजपा, लोजपा रामविलास और रालोमो का इस बारे में फिलहाल कोई रिएक्शन सामने नहीं आया है.
नीतीश कुमार के ऑफर, फरमान और सवालों को मांझी ने किया याद
इससे पहले एक कार्यक्रम में जीतन राम मांझी ने नीतीश कुमार पर हम को तोड़ने की कोशिश का आरोप लगाया था. उन्होंने कहा था कि जब महागठबंधन में थे तो नीतीश कुमार ने उन्हें हम का विलय करने के लिए कहा था. इनकार करने पर उन्हें गठबंधन से बाहर जाने का फरमान दे दिया गया था. मांझी ने कहा कि हम का जदयू में विलय नहीं करने और महागठबंधन भी नहीं छोड़ने पर उनसे कहा गया कि पार्टी कैसे चलाएंगे इसके लिए तो पैसे और लोगों की जरूरत होती है.
भाजपा और जदयू ने किया जीतन राम मांझी के बयान का बचाव
जीतन राम मांझी ने कहा कि अब उनकी पार्टी न सिर्फ चल रही है बल्कि दौड़ रही है. बेटा भी सेट है और वह खुद केंद्र में मंत्री बन चुके हैं. आरोपों पर जदयू ने कहा कि मांझी के बयान को तोड़ मरोड़ कर पेश किया जा रहा है. वहीं, भाजपा ने कहा है कि कोई भी पार्टी बनती है तो वो चलती ही है. उनका बेटा बिहार सरकार में मंत्री है. वह खुद केंद्र में मंत्री हैं. मांझी एनडीए में ही रहेंगे. वहीं, मांझी के अल्टीमेटम के बाद राजद ने एनडीए में गड़बड़ी का शक जताते हुए भाजपा और जदयू पर जमकर निशाना साधा.
राजद के तंज पर मांझी का पलटवार, दिलाई लालू के जंगलराज की याद
राजद प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि बिहार एनडीए में राजनीतिक दलों ने सिर्फ हाथ और गला मिलाया है. उन सबका दिल अभी भी नहीं मिला है. एनडीए में ऑल इज नॉट वेल है और सभी दल एक दूसरे को नीचे दिखाने में लगे हुए हैं, अंदर सिर फुटौवल है और जल्द ही भगदड़ मचेगी. राजद ने आगामी विधासनभा चुनाव में जीतन राम मांझी की 25 सीटों की मांग का भी समर्थन किया. हालांकि, मांझी ने राजद पर पलटवार करते हुए जंगलराज की याद दिलाई. उन्होंने 1980 से अपने विधायक होने और लालू राज में चारों तरफ फैले दहशत और अपराध के राज के बारे में भी बताया.
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2015 में मांझी ने अपनी पार्टी बनाकर शुरू की गठबंधन की राजनीति
बिहार में 2015 के राजनीतिक संकट के बाद जीतन राम मांझी ने 18 नेताओं को साथ लेकर जनता दल (यूनाइटेड) से नाता तोड़ा और हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा नाम की अलग पार्टी बना ली. फिर नीतीश कुमार की तर्ज पर ही महागठबंधन और एनडीए दोनों के साथ सत्ता में रहे. फिलहाल एनडीए में शामिल हैं और प्रधानमंत्री मोदी की कैबिनेट में एमएसएमई मंत्री हैं. बिहार विधानसभा 2020 में 243 सीटों में एनडीए में जदयू ने 122 और भाजपा ने 121 सीटों पर चुनाव लड़ा था. हालांकि, जदयू ने अपने कोटे से सात सीटें जीतन राम मांझी की पार्टी को दी थी.
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