रेलवे के पीछे आखिर कौन पड़ा है? पटरियों पर सिलेंडर, पत्थर, डेटोनेटर... पिछले तीन महीने में आए 17 मामले
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रेलवे के पीछे आखिर कौन पड़ा है? पटरियों पर सिलेंडर, पत्थर, डेटोनेटर... पिछले तीन महीने में आए 17 मामले

Railway Track Sabotage Incidents: रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने राज्यसभा को बताया कि पिछले तीन महीनों (अगस्त-अक्टूबर) के दौरान, रेल पटरियों पर अवरोधक रखे जाने के 17 मामले सामने आए हैं.

रेलवे के पीछे आखिर कौन पड़ा है? पटरियों पर सिलेंडर, पत्थर, डेटोनेटर... पिछले तीन महीने में आए 17 मामले

Indian Railways News: कानपुर हो या अजमेर, पिछले तीन महीनों में देश के अलग-अलग हिस्सों में रेल पटरियों को निशाना बनाया गया है. सरकार ने शुक्रवार को बताया कि अगस्त, सितंबर और अक्टूबर के दौरान रेलवे पटरियों पर छोटे सिलेंडर, सीमेंट ब्लॉक और डेटोनेटर रखने के 17 वाकये सामने आए जिनमें जीआरपी/पुलिस और आरपीएफ ने मामले दर्ज किए हैं. रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने एक सवाल के लिखित जवाब में राज्यसभा को यह जानकारी दी. रेल मंत्री ने बताया कि एक मामले में अदालत में शिकायत दर्ज की गई है जबकि अन्य 16 मामलों की जांच चल रही है.

ऐसी घटनाएं रोकने को रेलवे ने बनाई कमेटियां

वैष्णव ने बताया कि रेलवे पटरियों पर ऐसे अवरोधक रखे जाने की घटनाओं को रोकने के लिए रेलवे ने कई कदम उठाए हैं. इन कदमों के तहत, रेलवे की राज्य स्तरीय सुरक्षा समिति (एसएलएससीआर) की नियमित बैठकें आयोजित की जा रही हैं, जो प्रत्येक राज्य में संबंधित राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के डीजीपी/पुलिस आयुक्त की अध्यक्षता में आरपीएफ, जीआरपी और खुफिया इकाइयों के प्रतिनिधियों के साथ गठित की गई हैं.

रेल मंत्री ने बताया कि इसके अलावा, अपराध को नियंत्रित करने, मामलों को दर्ज करने, उनकी जांच करने और रेलवे परिसरों में कानून और व्यवस्था बनाए रखने के साथ-साथ तोड़फोड़ की घटनाओं पर ध्यान देने, खुफिया जानकारी साझा करने के लिए आरपीएफ द्वारा सभी स्तरों पर राज्य पुलिस/जीआरपी अधिकारियों के साथ घनिष्ठ संपर्क बनाया जाता है. ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए प्रभावी कदम उठाए जा रहे हैं.

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उन्होंने बताया कि केंद्रीय और राज्य खुफिया एजेंसियों के अलावा, आरपीएफ की खुफिया इकाई यानी अपराध खुफिया शाखा (सीआईबी) और विशेष खुफिया शाखा (एसआईबी) को संवेदनशील बनाया गया है और उन्हें खुफिया जानकारी एकत्र करने और तोड़फोड़ के प्रयासों का पता लगाने और रोकथाम के लिए पुलिस अधिकारियों के साथ समन्वय में आवश्यक कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया है.

रेलवे ट्रैक के पास रहते हों तो रखें नजर: मंत्री

मंत्री के अनुसार, रेलवे कर्मियों, आरपीएफ, जीआरपी और स्थानीय पुलिस द्वारा पहचाने गए संवेदनशील स्थानों पर लगातार गश्त की जा रही है. उन्होंने बताया कि रेलवे पटरियों के पास पड़ी सामग्री को हटाने के लिए नियमित अभियान चलाए जा रहे हैं, जिसका इस्तेमाल बदमाशों द्वारा पटरियों पर बाधा डालने के लिए किया जा सकता है.

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इसके अलावा, रेलवे पटरियों के पास रहने वाले लोगों को ट्रैक पर विदेशी सामग्री डालने, रेल के पुर्जे हटाने आदि के परिणामों के बारे में जागरूक किया जा रहा है और उनसे अनुरोध किया गया है कि वे निगरानी रखें और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की तुरंत रिपोर्ट करें. (भाषा)

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