MP News: जिस जगह से निकलना था हाईवे, वहां रातोंरात कैसे बन गए ढाई हजार मकान
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MP News: जिस जगह से निकलना था हाईवे, वहां रातोंरात कैसे बन गए ढाई हजार मकान

Singrauli News: मध्य प्रदेश में सिंगरौली जिले में जिस जगह से हाईवे गुजरना था, वहां पर रातोंरात ढाई हजार मकान बन गए. आखिर यह मकान क्यों और कैसे बन गए, इसका राज अब खुल गया है. 

MP News: जिस जगह से निकलना था हाईवे, वहां रातोंरात कैसे बन गए ढाई हजार मकान

Houses built on highway land in Singrauli: मध्य प्रदेश में मुआवजे हासिल करने के एक ऐसे खेल का पर्दाफाश हुआ है, जिसने लोगों को हैरान कर दिया है. अब प्रशासन ऐसे लोगों पर कार्रवाई करने की तैयारी में है. यह मामला मध्य प्रदेश के सिंगरौली जिले का है, जहां प्रयागराज तक हाइवे का निर्माण होना है. उसके सर्वे का काम भी पूरा हो गया. लेकिन पिछले कुछ दिनों में यहां रातों रात करीब ढाई हजार मकान बन गए हैं.

रातों रात बने फर्जी मकान!

मजे की बात ये है कि इनमें से ज्यादातर मकान अधूरे बने हैं. ये मकान उस जगह बने हैं, जहां से हाइवे को गुजरना है. दरअसल नियम के मुताबिक खेत के बजाय मकान पर मुआवजा ज्यादा मिलता है. ऐसे में लोगों ने खाली जगहों पर मकान बना दिए. लेकिन प्रशासन अब कार्रवाई की तैयारी में है.  

सूत्रों के मुताबिक सिंगरौली-प्रयागराज हाईवे का 70 किमी हिस्सा सिंगरौली जिले में आता है. इसके लिए सर्वे का काम पूरा हो चुका है. हाईवे प्रोजेक्ट अप्रूव होने के बाद ही अधिक मुआवजा दिलाने के लिए दलालों का रैकेट सक्रिय हो गया और कुछ ही महीनों में 2,500 मकान बन गए रातोरात. 

जमीन खरीदने में नेता-अफसर भी पीछे नहीं

हाईवे प्रोजेक्ट पास होने के बाद यहां की जमीन खरीदने वालों में नेता और अफसर भी पीछे नहीं रहे. जमीन मालिक मकान बनवाने के लिए सौदे भी कर रहे हैं. यह बात सामने आने के बाद पूरे जिले में हड़कम्प मचा है. सिंगरौली-प्रयागराज हाईवे का 70 किमी हिस्सा सिंगरौली जिले की चितरंगी और दुधमनिया तहसील से होकर गुजरता है. 740 करोड़ की लागत वाले इस प्रोजेक्ट में इन दोनों तहसीलों के 33 गांवों की जमीन आ रही है. अधिग्रहण की कार्यवाही मार्च में शुरू हुई. सर्वे शुरू होने के साथ ही यहां मकान बनाने पर रोक लग गई थी.

मुआवजे के लिए खेतों में बने मकान आधे-अधूरे हैं. किसी में सिर्फ ईटें रखी गई हैं तो किसी में कच्चा मकान बनाया गया है. कुछ तो सिर्फ शेड बने हैं. इतना ही नहीं कुछ किसानों ने तो बाहरी राज्यों के लोगों से स्टाम्प पेपर पर सौदे भी कर लिए हैं. इसके मुताबिक आवास से जो भी मुआवजा मिलेगा, उसमें से 80 प्रतिशत और 20 प्रतिशत का बंटवारा होगा. यानी मुआवजे की बढ़ी हुई राशि का 80 प्रतिशत मकान बनाने वाले को और 20 प्रतिशत राशि जमीन मालिक को मिलेगी ऐसा भी खेल चल रहा है. 

खेत से ज्यादा मकान का मिलता है मुआवजा

दरअसल खेत से ज्यादा मकान का मुआवजा मिलता है इसीलिए जहां रोड निकलेगा वहां मकान बन गए. दरअसल के बाद से जमीन की खरीदी या बेचने पर रोक है इसीलिए किसी की जमीन किसी का निर्माण मुआवजा की हिस्सेदारी के प्रॉमिस पर प्रयागराज-सिंगरौली हाइवे पर मुआवजे की फैक्ट्री खुल गई है और लालच में लोगों ने नकली घर बना लिए हैं. 

रातोंरात बन गए 2500 मकान

चितरंगी के एसडीएम सुरेश जाधव का साफ़ कहना है कि सर्वे हुआ तो सिर्फ 500 घर ही पाए गए थे. लेकिन अब हाईवे की जमीन पर 2,500 मकान बन चुके हैं. सर्वे के बाद बने घरों पर मुआवजा नहीं दिया जाएगा. उन्होंने बताया कि सर्वे में जानकारी प्राप्त हुई है कि कुछ लोगों ने 3A के प्रकाशन के बाद हाईवे की जमीन पर अपने मकान निर्माण किए हैं. सर्वे दल के साथ ऐसे मकानों को चिन्हित कर लिया गया है. साथ ही उनके फोटो जियो टेक के द्वारा सेव कर लिए गए हैं. ऐसे लोगों को कोई मुआवजा नहीं मिलेगा. 

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