CM Atishi: आतिशी ने कहा कि बस मार्शलों ने उपराज्यपाल के निर्णयों के खिलाफ अपनी लड़ाई जारी रखी. उन्होंने कहा कि एलजी ने बार-बार इनकी बहाली में रुकावट डाली, लेकिन मार्शल अपने हक के लिए डटे रहे.
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Delhi Assembly: कई बार संसद ही नहीं राज्य की विधानसभाओं में नोंकझोंक के मजेदार वाकये देखने को मिलते हैं. इसी कड़ी में शुक्रवार को दिल्ली विधानसभा के शीतकालीन सत्र के पहले दिन कुछ ऐसा ही हुआ. मुख्यमंत्री आतिशी ने बस मार्शलों की नियुक्ति के मुद्दे पर नेता प्रतिपक्ष विजेंद्र गुप्ता को खुला चैलेंज दिया. आतिशी ने कहा कि यदि विजेंद्र गुप्ता दिल्ली के उपराज्यपाल से बस मार्शलों की फाइल साइन करवा दें, तो वह रोहिणी में उनके खिलाफ आम आदमी पार्टी का कोई उम्मीदवार नहीं उतारेंगी और उनके लिए प्रचार भी करेंगी. आतिशी ने यह चैलेंज बस मार्शलों की बहाली और उनकी सुरक्षा को लेकर दिया.
असल में सीएम आतिशी ने कहा कि बस मार्शलों ने उपराज्यपाल के निर्णयों के खिलाफ अपनी लड़ाई जारी रखी. उन्होंने कहा कि एलजी ने बार-बार इनकी बहाली में रुकावट डाली, लेकिन मार्शल अपने हक के लिए डटे रहे. इस संघर्ष में मंत्री सौरभ भारद्वाज और अन्य विधायकों ने भी इनका साथ दिया और गिरफ्तारियां दीं. आतिशी ने जोर देकर कहा कि उनकी सरकार ने महिलाओं की सुरक्षा को प्राथमिकता दी है, लेकिन एलजी और बीजेपी ने बार-बार इसमें अड़चनें डालीं.
आतिशी ने महिला सुरक्षा पर बात करते हुए कहा कि दिल्ली में डीटीसी बसों में महिलाओं को पहले कई समस्याओं का सामना करना पड़ता था. उन्होंने बताया कि कॉलेज के दिनों में उन्हें खुद इन समस्याओं का सामना करना पड़ा. आतिशी ने कहा कि उनकी सरकार ने महिलाओं के दर्द को समझा और बसों में मार्शलों की तैनाती सुनिश्चित की. उन्होंने निर्भया कांड का उदाहरण देते हुए कहा कि उस घटना के बाद ही अरविंद केजरीवाल ने बसों में सुरक्षा को मजबूत करने का मुद्दा उठाया.
इतना ही नहीं आतिशी ने भारतीय जनता पार्टी पर आरोप लगाया कि वह महिलाओं की सुरक्षा को लेकर गंभीर नहीं है. उन्होंने कहा कि बीजेपी बार-बार बस मार्शलों की नियुक्ति में रुकावट डालती रही. आतिशी ने यह भी कहा कि उनकी सरकार दिल्ली की महिलाओं और लड़कियों की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है और इस दिशा में हर संभव कदम उठाएगी. एजेंसी इनपुट