Idol of Chola queen: भारत के मंदिर से चोरी हुई थी अनोखी मूर्ति, 93 साल बाद अमेरिका के म्यूजियम में मिली
Advertisement
trendingNow11278300

Idol of Chola queen: भारत के मंदिर से चोरी हुई थी अनोखी मूर्ति, 93 साल बाद अमेरिका के म्यूजियम में मिली

Indian idol traced in Washington: आजादी से पहले भारत की अमूल्य संपदा को अंग्रेज लूटकर ले गए थे. इस कड़ी में भारत के मंदिरों और वहां की अमूल्य धरोहर को सबसे ज्यादा निशाना बनाया गया था. ऐसी ही एक मूर्ति अब अमेरिका के म्यूजियम में मिली है जो तमिलनाडु के मंदिर से 1929 में चोरी हो गई थी.

Idol of Chola queen: भारत के मंदिर से चोरी हुई थी अनोखी मूर्ति, 93 साल बाद अमेरिका के म्यूजियम में मिली

Bronze idol of Chola queen: भारत के तमिलनाडु से करीब 100 साल पहले चोरी हुई एक दुर्लभ मूर्ति अमेरिका के वॉशिंगटन स्थित ‘फ्रीर गैलरी ऑफ आर्ट’ म्यूजियम में मिली है. साल 1929 में चोल रानी सेमबियां महादेवी की करीब साढ़े तीन फीट की कांस्य प्रतिमा राज्य के नागपट्टनम में एक मंदिर से चोरी हो गई थी. पुलिस के मुताबिक अब इस दुर्लभ मूर्ति को वापस लाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. पुलिस महानिदेशक जयंत मुरली ने कहा कि इस प्रतिमा को फ्रीर गैलरी ऑफ आर्ट ने 1929 में न्यूयॉर्क में हैगोप केवोरकियन नाम के शख्स से अज्ञात कीमत देकर खरीदा था. केवोरकियन की साल 1962 में मौत हो गई थी.

मंदिर से चोरी हुई थी रानी की मूर्ति 

डीजीपी मुरली ने बताया कि प्रतिमा अमेरिका कैसे पहुंची और कितने में खरीदी गई यह अब भी जांच का विषय है. पुलिस महानिदेशक ने बताया कि राजेंद्रन नाम के व्यक्ति ने 2018 में वेलनकन्नी पुलिस में शिकायत दर्ज कराई कि उसने 2015 में फ्रीर गैलरी ऑफ आर्ट के दौरे के दौरान सेमबियां महादेवी की प्रतिमा देखी है. उसने बताया कि उसने इसकी जानकारी नागपट्टनम से 25 किलोमीटर दूर सेमबियां महादेवी गांव के कैलाशनाथ स्वामी शिव मंदिर के लोगों को भी दी गई है. बाद में इस मामले को पुलिस के प्रतिमा सेल को सौंप दिया गया था.

डीजीपी जयंत मुरली, आईजी आर दिनाकरन, एसपी बी रवि ने मामले में तेजी से कार्रवाई के निर्देश दिए जिसके बाद आईजी इंदिरा की अगुवाई में एक स्पेशल टीम का गठन किया गया.टीम ने कैलासनाथ स्वामी मंदिर में पत्थर के शिलालेखों को भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) की एपिग्राफी ब्रांच ने इसकी ज्यादा जानकारी जुटाई. उन्होंने मंदिर के उन कर्मचारियों से भी पूछताछ की, जिन्होंने वहां 60 से ज्यादा साल तक काम किया था. इसके बाद जांच से पता चला कि चोल सम्राट कंथाराथिध्य थेवर चोल रानी सेमबियां महादेवी के पति थे और दंपति को एक पुत्र उथामा चोल थेवर उर्फ ​​​​मथुरंथागा थेवर का आशीर्वाद मिला था.

कौन थीं सेमबियां महादेवी?

बयान के मुताबिक सेमबियां महादेवी आदिगलर ने अपने पति को तब खो दिया जब वह सिर्फ 15 साल की थीं और उनका बेटा एक साल का था. अपने पति की मौत के बाद, रानी ने अपना जीवन मंदिरों के निर्माण और कला और संस्कृति को प्रोत्साहित करने के लिए समर्पित कर दिया. उनके समय में ही ईंट के मंदिरों को ग्रेनाइट के मंदिरों में बदल दिया गया था.

वह चोल साम्राज्य की सबसे शक्तिशाली रानियों में से एक थीं, जिन्होंने 60 साल की अवधि में कई मंदिरों का निर्माण किया और दक्षिण भारत में कई मंदिरों को बड़े-बड़े तोहफे भी दिए. डीजीपी मुरली ने कहा कि आइडल विंग ने यूनेस्को समझौते के तहत सेमबियां महादेवी की मूर्ति को फिर से हासिल करने और इसे कैलासनाथ मंदिर में जल्द ही स्थापित करने की दिशा में कदम उठाए हैं.

(इनपुट: PTI)

ये ख़बर आपने पढ़ी देश की नंबर 1 हिंदी वेबसाइट Zeenews.com/Hindi पर
 

Trending news