Mahua Moitra in Parliament: सोमवार को संसद में टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा ने सत्ताधारी बीजेपी पर जमकर हमला बोला. महुआ ने कहा कि बीजेपी मुझे खामोश करना चाहती थी. लेकिन जनता ने उसे ही चुप करा दिया.
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Mahua Moitra Speech: टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा सोमवार को जब बोलने के लिए संसद में खड़ी हुईं तो अपने चिर-परिचित अंदाज में बीजेपी पर हमला बोला. उन्होंने कहा, 'पिछली बार जब मैं यहां खड़ी थी तो मुझे बोलने नहीं दिया गया. लेकिन एक सांसद की आवाज दबाने की बहुत बड़ी कीमत सत्ताधारी पार्टी को चुकानी पड़ी है. मुझे दबाने की कोशिश में जनता ने आपके 63 सांसदों को स्थायी रूप से घर बैठा दिया.'
हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव में बीजेपी को 240 सीटें मिली हैं. प्रचार के दौरान उसने 400 पार का नारा दिया था. लेकिन एनडीए भी 300 पार नहीं कर पाया. इसी को लेकर महुआ ने बीजेपी पर तंज कसा.बंगाल की कृष्णानगर सीट से सांसद महुआ ने अपने भाषण में आरोप लगाया कि बीजेपी ने पहले उनको लोकसभा में बोलने से रोकने की कोशिश की. लेकिन अब जनता ने उसी सीटें घटाकर उसे ही खामोश कर दिया.
#WATCH | TMC MP Mahua Moitra says, "The last time I stood here I was not allowed to speak. But the ruling party has paid a very heavy price for throttling the voice of one MP. In an attempt to suppress me, the public made 63 of your members sit permanently..." pic.twitter.com/JXyBSqM2ta
— ANI (@ANI) July 1, 2024
मोइत्रा ने यह भी कहा कि भाजपा की अल्पमत स्थिति के कारण सरकार स्थिर नहीं है और सहयोगी दलों पर निर्भरता के कारण यह किसी भी दिन गिर सकती है. मोइत्रा को दिसंबर 2023 में कैश के बदले सवाल पूछने के मामले में फंसने के बाद लोकसभा से निष्कासित कर दिया गया था. एथिक्स कमेटी ने उन्हें मोदी सरकार को चुनौती देने के मकसद से संसद में खास सवाल पूछने के बदले में एक व्यवसायी से गिफ्ट और कैश लेने के मामले में दोषी पाया था. इसे संसदीय विशेषाधिकार और आचरण का गंभीर उल्लंघन माना गया था.
इन आरोपों को खारिज करते हुए मोइत्रा ने एथिक्स कमेटी की रिपोर्ट को पक्षपाती और राजनीति से प्रेरित करार दिया था. वह अपने निष्कासन को चुनौती देने के लिए कई कानूनी रास्ते तलाश रही हैं, जिसमें नेचुरल जस्टिस और प्रक्रिया की निष्पक्षता के आधार पर सुप्रीम कोर्ट या हाई कोर्ट में अपील करना, आचार समिति के अधिकार क्षेत्र और आचरण पर सवाल उठाना, और आरोपों को चुनौती देने के लिए मानहानि का मुकदमा करना शामिल है.