Jharkhand Politics: विधानसभा चुनाव के लिए राजद ने 22 सीटों, कांग्रेस ने 33 सीटों और झामुमो ने 43 सीटों से अधिक पर चुनाव लड़ने की मांग की है. इन सबसे ऊपर सीपीआई-एमएल को समायोजित करना सहयोगियों के लिए एक और चुनौती है, क्योंकि पार्टी एक विधायक के साथ सरकार का समर्थन कर रही है.
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Jharkhand: झारखंड में साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने वाला है. इससे पहले सभी सियासी दल रणनीति बनाने पर काम शुरू कर चुके हैं. गठबंधन वाले दल सीटों को लेकर बातचीत शुरू कर चुके हैं. हालांकि, जैसे-जैसे चुनाव करीब आ रहा है, वैसे इंडिया गठबंधन में सीटों को लेकर खींचतान शुरू हो गई है. इसकी बानगी एक बार फिर तब देखने को मिली जब राजद के बाद कांग्रेस ने 33 सीट पर चुनाव लड़ने का दावा किया. इससे पहले राजद ने राज्य की 22 सीटों पर चुनाव लगने का दावा किया है. वहीं, अभी तक झारखंड मुक्ति मोर्चा कितने सीटों पर चुनाव लड़ेगी कुछ साफ नहीं किया है.
दरअसल, राज्य के चुनाव नजदीक आते ही इंडिया गठबंधन के प्रमुख सदस्य झामुमो और कांग्रेस समेत ब्लॉक सत्ता बरकरार रखने के लिए कई विधानसभा सीटों की अदला-बदली कर सकता हैं. माना जा रहा है कि सीटों की अदला-बदली से उनकी जीत की संभावना बढ़ सकती है. झामुमो, कांग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के पार्टी नेता प्रत्येक सीट की ताकत और कमजोरियों पर चर्चा करने के लिए तैयार हैं.
वहीं, कांग्रेस और राजद के दावे से गठबंधन में खींचतान की संभावना बताई जा रही है. दिल्ली में हुई कांग्रेस की बैठक में ये फैसला किया गया कि कांग्रेस झारखंड में 33 सीट पर अपने प्रत्याशी उतारेगा. क्योंकि कांग्रेस पार्टी झारखंड के विधानसभा चुनाव में 33 विधानसभा सीटों पर अपनी दावेदारी के साथ को मजबूत बता रहा है. यहां ध्यान देने वाली बात ये हैं कि साल 2019 के चुनाव में कांग्रेस ने 31 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे.
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कांग्रेस से पहले राजद ने झारखंड में 22 सीट पर चुनाव लड़ने का दावा किया है. इतना ही नहीं पार्टी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव को भेजने के लिए बंद लिफाफा भी तैयार हो गया है. वहीं, झारखंड मुक्ति मोर्चा कितनी सीटों पर चुनाव लड़ेगी इसका दावा नहीं किया है. हालांकि, राज्य की 81 सीटें का बांटवारा करना एक बहुत जटिल काम है. क्योंकि सीपीआई (ML) को भी साथ रखना होगा.
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बता दें कि 2019 विधानसभा चुनाव में झामुमो ने 43 सीटों पर चुनाव लड़ा था, जिसमें से 30 पर जीत हासिल की थी. वहीं, कांग्रेस 31 सीटों पर लड़ा था, जिसमे 16 पर जीत हासिल की थी. राजद ने 7 सीटों पर चुनाव लड़ा था, जिसमें से केवल 1 पर जीत हासिल हुई थी. वैसे राज्य के सियासी हलकों में चर्चा है कि इस बार झामुमो 43 से ज्यादा सीटें पर चुनाव लड़ने का दावा कर रही है. कांग्रेस 33 सीटें तो राजद 22 सीटें मांग रही है.