हैलो आपके नाम पर मुम्बई में... और ठग लिए 15 लाख रुपये, रिटायर्ड डॉक्टर के साथ साइबर फ्रॉड
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हैलो आपके नाम पर मुम्बई में... और ठग लिए 15 लाख रुपये, रिटायर्ड डॉक्टर के साथ साइबर फ्रॉड

Bihar News: बिहार के जमुई में एक रिटायर्ड डॉक्टर से मुंबई में केस दर्ज होने का डर दिखाकर अपराधियों ने 15 लाख रुपये ठग लिए. पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही है.

रिटायर्ड डॉक्टर के साथ साइबर फ्रॉड

जमुई: बिहार के जमुई से एक ठगी का मामला सामने आय़ा है. जहां ठग ने खुद को मुम्बई पुलिस बता कर और पीड़ित के खिलाफ वारंट होने का भय दिखाकर 15 लाख रुपये की ठगी कर ली गई. साइबर अपराधी ने गिरफ्तारी से बचने के लिए सिकंदरा निवासी मिश्री प्रसाद शर्मा के पुत्र रिटायर्ड चिकित्सक डॉ कैलाश प्रसाद शर्मा को अपना शिकार बना लिया. ठग ने पैसे नहीं देने की स्थिति में पर ईडी और सीबीआई की भी धमकी देने लगा. पीड़ित को जब ठगी का एहसास हुआ,तब रिटायर्ड चिकित्सक डॉ कैलाश प्रसाद शर्मा ने साइबर थाना में आवेदन देकर मुकदमा दर्ज कराया है.

वहीं कैलाश प्रसाद शर्मा ने बताया कि दो अलग- अलग अकाउंट में 11 लाख और चार लाख रुपया भेजा गया था. आगे उन्होंने बताया कि उनके मोबाइल पर एक कॉल आया और कहा गया कि आपके सीम से किसी दूसरे नंबर पर लड़की का फोटो भेजा जा रहा है. लड़की को वीडियो काल भी किया जा रहा है. साथ ही विदेश से अवैध सामान भी मंगवाया जा रहा है. इतना ही नहीं उन पर मनी लॉन्ड्रिंग का भी मामला चल रहा है यानी कुल 17 आपराधिक मामले मुंबई थाना में दर्ज हैं और वारंट भी निर्गत हो चुका है. अगर गिरफ्तारी से बचना है तो जैसा हम कह रहे हैं वैसा करना होगा.

इसके बाद आधार कार्ड और पासबुक व्हाट्सएप पर मांगा गया. फिर साइबर अपराधी ने फेडरल बैंक का अकाउंट नंबर विकास अनंता के नाम का दिया और जितना पैसा है वो सभी पैसा ट्रांसफर करने की बात कही. उसके बताए गए अकाउंट पर आरटीजीएस के माध्यम से 11 लाख रुपया दे दिया. फिर सिटी यूनियन बैंक जोधपुर शाखा के अकाउंट जो हितेश कुमार के नाम पर है उसपर भी चार लाख रुपया भेजा गया है. इतना ही नहीं उंसके बाद भी और पैसे की डिमांड करते हुए ईडी और सीबीआई का छापा पड़ने की धमकी देने लगा.

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उसके बाद ऑनलाइन 1930 पर शिकायत दर्ज कराई गई. पुलिस घटना की जांच- पड़ताल में जुटी हुई है. वहीं पूरे मामले को लेकर जमुई एसपी मदन कुमार आनंद ने बताया कि डिजिटल अरेस्ट की बातें सिर्फ झूठी होती है और साइबर फ्रॉड के लिए 1930 नंबर जारी किया गया है. जिस पर कॉल करना चाहिए था अगर उन्होंने कॉल किया होगा तो उन्हें रिस्पांस जरूर मिली होगी. हम लोगों को उन्होंने सूचना नहीं दिया अगर सूचना दिए होते तो ऐसी घटना नहीं होती. हालांकि अगर ऐसी घटना हुई है तो उसकी जांच पड़ताल की जाएगी और बहुत जल्द पूरे मामले का खुलासा किया जाएगा.

इनपुट- अभिषेक निरला

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