Who is Former IAS Manish Verma : कौन है मनीष वर्मा जो 12 साल बाद अब बनेंगे नीतीश के 'राइट हैंड'
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Who is Former IAS Manish Verma : कौन है मनीष वर्मा जो 12 साल बाद अब बनेंगे नीतीश के 'राइट हैंड'

Former IAS Manish Verma: नालंदा जिले के रहने वाले मनीष कुमार वर्मा ने वर्ष 2000 बैच में आईएएस अधिकारी बने, उन्हें ओडिशा कैडर मिला था. जानकारी के लिए बता दें कि मनीष कुमार को नीतीश कुमार का बहुत की खास माना जता है. 12 साल बाद मनीष बिहार आए है और अब ऐसी चर्चा है कि वो नीतीश कुमार के राइट हैंड बनेंगे.

Who is Former IAS Manish Verma : कौन है मनीष वर्मा जो 12 साल बाद अब बनेंगे नीतीश के 'राइट हैंड'

Who is Former IAS Manish Verma: नालंदा के मनीष कुमार वर्मा ने आईएएस की नौकरी छोड़कर राजनीति में आने का फैसला किया है. मनीष 2000 बैच के आईएएस अधिकारी हैं और बिहार के नालंदा जिले के रहने वाले हैं, उन्हें ओडिशा कैडर मिला था. मनीष का कहना है कि वह अपने राज्य के लोगों के लिए कुछ करना चाहते हैं, इसलिए उन्होंने यह निर्णय लिया है. मनीष ने कहा कि वह नीतीश कुमार के काम करने के तरीके से बहुत प्रभावित हैं. उनका पैतृक गांव गया जिले के नीमचकबथानी के बरैनी गांव में है, जबकि उनका परिवार वर्तमान में बिहारशरीफ में रहता है.

मनीष के पिता डॉ. अशोक कुमार वर्मा एक जाने-माने डॉक्टर थे. मनीष ने बताया कि उनके पिता चाहते थे कि वह अपने राज्य के लोगों की सेवा करें. ओडिशा में रहकर मनीष को ऐसा करने का मौका नहीं मिल रहा था, इसलिए उन्होंने नौकरी छोड़ दी. मनीष ने बताया कि उन्हें नीतीश कुमार का काम करने का तरीका बहुत पसंद है और इसी कारण वे जेडीयू में शामिल होकर जनता की सेवा करना चाहते हैं.

मनीष के इस फैसले से उनके परिवार और दोस्तों में खुशी की लहर है. उनके चचेरे भाई श्याम बिहारी ने बताया कि मनीष बचपन से ही मेधावी थे और हमेशा कुछ अलग करना चाहते थे. आर्थिक तंगी के बावजूद मनीष ने कभी हार नहीं मानी. मनीष ने बिहारशरीफ के सरकारी स्कूल से अपनी प्रारंभिक शिक्षा पूरी की और आदर्श हाईस्कूल से मैट्रिक की परीक्षा पास की, जिसमें उन्होंने 723 नंबर लाकर जिला टॉप किया था. इसके बाद मनीष ने साइंस कॉलेज से इंटर साइंस और आईआईटी दिल्ली से सिविल ब्रांच में बी-टेक किया.

बी-टेक के बाद मनीष ने बड़ोदरा में इंडियन ऑयल कंपनी में नौकरी की. इसी दौरान उन्होंने आईएएस की परीक्षा दी, लेकिन खेल के दौरान उनके छोटे भाई की आंख में बॉल लग जाने से उनकी तैयारी पूरी नहीं हो सकी और वे पहली बार में परीक्षा पास नहीं कर पाए. दूसरी बार में उन्होंने आईएएस की परीक्षा पास कर ली. मनीष की पहली पोस्टिंग ओडिशा के गंजाम जिले के ब्रह्मपुर में बतौर एसडीएम हुई. इसके बाद 27 दिसंबर 2004 को उन्हें मलकांगिरि का डीएम बनाया गया. इसके बाद उन्होंने संघमाग और बालासोर में भी डीएम के रूप में काम किया. मनीष कुमार वर्मा का यह कदम उनके जीवन में एक नया मोड़ लेकर आया है और उनके परिवार और दोस्तों को उन पर गर्व है. अब मनीष राजनीति में आकर अपने राज्य के लोगों की सेवा करना चाहते हैं.

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