सावन में देवघर में बाबा बैद्यनाथ को जल अर्पण करने के बाद बाबा बासुकीनाथ की पूजा करना अनिवार्य माना गया है, नहीं तो पूजा अधूरी रह जाती जाती है. देवघर-दुमका राज्य राजमार्ग पर स्थित भगवान शिव को समर्पित बासुकीनाथ मंदिर हिंदुओं के आस्था केंद्र है. बासुकीनाथ मंदिर पूरे साल श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रहती है.
सावन महीने में बाबा भोलेनाथ के भक्त देवघर में बाबा बैजनाथ का जलाभिषेक करने पहुंचते हैं. वही पूजा आराधना करने के बाद अगर आप देवघर में घूमने का प्लान बना रहे हैं तो आप नंदन पहाड़ घूम सकते हैं. देवघर के बाबा बैद्यनाथ मंदिर से इस पहाड़ की दूरी 3.7 किलोमीटर है. यहां से सूर्योदय और सूर्यास्त का मनोरम दृश्य बहुत ही अच्छा लगता है.
देवघर में बाबा बैजनाथ धाम के दर्शन करने के बाद प्रसिद्ध त्रिकुट पर्वत भी जा सकते हैं. देवघर बस स्टैंड से इसकी दूरी 21किलोमीटर है. कहा जाता है की इस स्थान पर रावण का पुष्पक विमान उतरता था. त्रिकुट पहाड़ की ऊचाई 2470फ़ीट है.
देवघर में बाबा बैजनाथ का पूजा आराधना करने के लिए पहुंचे तो तपोवन घूमने बिलकुल ना भूले. देवघर बाबा मंदिर से तपोवन की दूरी 13 किलोमीटर है. तपोवन अपनी गुफाओं के लिए प्रसिद्ध है. यहां एक ऐसी गुफा स्थित है जिसे आपको देखने पर ऐसा लगता है कि 1 साल का बच्चा भी इससे बाहर नहीं निकल सकता लेकिन यह एक ऐसी जादुई गुफा है की यहां से मोटे-मोटे लोग भी आसानी से निकल जाते हैं.
देवघर में बाबा बैद्यनाथ धाम मंदिर के दर्शन करने के बाद आप नौलखा मंदिर जा सकते है. मंदिर से 1.5 किलोमीटर दूर स्थित ये मंदिर अपने अद्भुत शिल्पकला के लिए मशहूर है. लगभग 146 फीट ऊंचे नौलखा मंदिर में मौजूद राधा कृष्ण की मूर्तियां देखने में काफी आकर्षक लगती हैं.
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