सुपरहिट वेब सीरीज रंगबाज के तीसरे संस्करण की प्रमोशन के लिए पहुंचे विनीत और आकांक्षा
Advertisement
trendingNow0/india/bihar-jharkhand/bihar1275523

सुपरहिट वेब सीरीज रंगबाज के तीसरे संस्करण की प्रमोशन के लिए पहुंचे विनीत और आकांक्षा

सुपरहिट वेब सीरीज रंगबाज का तीसरा संस्करण रंगबाज डर की राजनीति 29 जुलाई को ओटीटी प्लेटफॉर्म Zee 5 पर रिलीज होने वाली है.

(फाइल फोटो)

पटना : सुपरहिट वेब सीरीज रंगबाज का तीसरा संस्करण रंगबाज डर की राजनीति 29 जुलाई को ओटीटी प्लेटफॉर्म Zee 5 पर रिलीज होने वाली है. उसके प्रमोशन के लिए वेब सीरीज के लीड एक्टर विनीत कुमार सिंह और आकांक्षा सिंह पटना पहुंचे और अपने अपकमिंग वेब सीरीज का जमकर प्रमोशन किया. 

इस दौरान विनीत कुमार सिंह और आकांक्षा सिंह ने जी बिहार झारखंड से खास बातचीत की जिसमें अपकमिंग वेब सीरीज के साथ-साथ उन्होंने अपने संघर्ष और सक्सेस को लेकर भी खुले दिल से बात की. इसको लेकर विनीत का कहना है कि बचपन से ही उनका सपना था कि वह फिल्मों में काम करें और बतौर हीरो पूरी फिल्म लीड करें. अपने सपने को हकीकत में बदलने का जुनून इतना था कि उन्होंने इस सपने को पूरा करने के लिए पहले बाकायदा मेडिकल की पढ़ाई की डॉक्टर बने और फिर फिल्मों में हाथ आजमाया.

'गैंग्स ऑफ वासेपुर' से विनीत को मिली अलग पहचान 
1999 में वो अपने सपनों को लेकर मुंबई पहुंचे जहां शुरुआती दौर में दोनों ने मृत व्यक्ति तक का रोल किया है. इसके अलावा भीड़ में खड़े व्यक्ति का भी उन्होंने घर खर्च चलाने के लिए रोल किया. भोजपुरी सीरियल और कई मूवी में भी उन्होंने घर चलाने के लिए काम किया और अपने सपने को पूरा करने के लिए अपने घर के सारे सामान को एक बार उन्हें बेचना भी पड़ा, लेकिन मन में विश्वास था कि एक ना एक दिन एक्टर जरूर बनेंगे. इस बीच कई फिल्मों में उन्हे काम मिला और एक ऐसी फिल्म थी 'सिटी ऑफ गोल्ड' जिसमें उनके काम को पहचान मिली और इसी काम के बदौलत तो फिर अनुराग कश्यप के पास पहुंचे और तब उनके लाइफ की टर्निंग प्वाइंट के तौर पर उन्हें फिल्म मिली 'गैंग्स ऑफ वासेपुर' और इस फिल्म में जिस तरह का परफॉर्मेंस उन्होंने दिया उसके बाद उनकी गाड़ी लगातार आगे बढ़ती गई और आज वह दिन भी आ गया है कि अब वह अपने दम पर वेब सीरीज को रिलीज कर रहे हैं.

बनारस के रहनेवाले हैं विनीत कुमार सिंह
बनारस के रहने वाले विनीत कुमार सिंह का कहना है कि बनारस की मिट्टी ने उन्हें संघर्ष करने का जज्बा सिखाया है. परेशानी में भी हौसला ना हारने की कला बनारस में हरेक व्यक्ति के अंदर होती है. रंगबाज की इस नई सीरीज के बारे में लोगों का कहना है कि यह चर्चित शहाबुद्दीन से इंस्पायर्ड फिल्म है क्योंकि इसके प्रोमो में जो चीजें दिखाई जा रही हैं. जिस तरह के हाव-भाव हैं वह पूरी तरीके से शहाबुद्दीन से मिलते जुलते हैं. इस पर विनीत कुमार सिंह का कहना है कि लोगों को जो लगे लेकिन यह एक काल्पनिक कहानी है खैर देखने के बाद ही पता चल पाएगा कि यह फिल्म वाकई शहाबुद्दीन से प्रभावित है या कुछ और. 

आकांक्षा को भी याद आए संघर्ष के दिन 
हमने फिल्म की एक्ट्रेस आकांक्षा सिंह से भी बात की इनके भी संघर्ष और व्यक्तिगत प्रोफाइल की बात करें तो यह कहीं ना कहीं विनीत कुमार सिंह से मिलती जुलती है.  आकांक्षा सिंह प्रोफेशनल फिजियोथैरेपिस्ट भी हैं लेकिन उनके मन में बचपन से ही फिल्मों में काम करने का सपना था और इसमें सबसे बड़ी हिम्मत और प्रेरणा के तौर पर उनकी मां ने उन्हें आगे बढ़ाया. क्योंकि उनकी मां रंगमंच की जानी-मानी कलाकार हैं, उन्होंने अपनी बेटी को आगे बढ़ने के लिए कोई कोर कसर नहीं छोड़ी. बाकायदा थिएटर की ट्रेनिंग दी लेकिन आकांक्षा पढ़ने में भी बेहद तेज थी लिहाजा उन्होंने पढ़ाई अच्छी की और फिजियोथेरेपी में सलेक्शन हो गया. मन में सपना था कि मां की आकांक्षा को पूरा करना है क्योंकि इनके आकांक्षा नाम के पीछे भी मां का सपना था. दरअसल जो सपना इनकी मां पूरा नहीं कर सकी उसी को लेकर इन्होंने अपनी बेटी का नाम आकांक्षा रखा. अपने सपनों को लेकर आकांक्षा मुंबई पहुंची शुरुआती दौर में तो उन्हें भी संघर्ष करना पड़ा लेकिन इस बीच उन्हें एक टेलिविजन सीरियल में काम मिला जो बेहद हिट हुआ और फिर इसी सीरियल की बदौलत उन्हें शोहरत और पहचान मिली और फिर साउथ मूवी में उन्हें काम मिलने लगा और फिर धीरे-धीरे बॉलीवुड में भी उनकी पहचान बन गई. 

ये भी पढ़ें- बारिश की कमी से जूझ रहे हैं बिहार के जिले, परेशान किसान कर रहे सूखा घोषित करने की मांग

Trending news