क्या मुख्यमंत्री या राज्यपाल की हो सकती है गिरफ्तारी? जानें क्या कहता है कानून
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क्या मुख्यमंत्री या राज्यपाल की हो सकती है गिरफ्तारी? जानें क्या कहता है कानून

अनुच्छेद 361 के मुताबिक,  राष्ट्रपति या किसी राज्य के राज्यपाल को छूट दी गई है कि उनके कार्यकाल के दौरान उनके खिलाफ किसी प्रकार की कोई कार्रवाई नहीं हो सकती. न ही उन्हें हिरासत में लिया जा सकता है और न ही उन्हें गिरफ्तार किया जा सकता है.

क्या मुख्यमंत्री या राज्यपाल की हो सकती है गिरफ्तारी? जानें क्या कहता है कानून

दिल्ली की आबकारी नीति केस में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से पूछताछ की. ये पूछताछ करीब नौ घंटे चली और बकौल केजरीवाल इस दौरान उनसे जांच एजेंसी ने 56 सवाल पूछे. इस पूछताछ के साथ ही एक सवाल ये भी उठ खड़ा हुआ है कि क्या किसी राज्य के मुख्यमंत्री या राज्यपाल को गिरफ्तार किया जा सकता है? अगर गिरफ्तार किया जा सकता है तो उसके कायदे-कानून क्या हैं?

क्या मुख्यमंत्री की हो सकती है गिरफ्तारी?
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की पूछताछ को लेकर चर्चा होने लगी है कि डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया के बाद मुख्यमंत्री केजरीवाल की भी गिरफ्तारी संभव है. हालांकि, कानून कुछ और ही कहता है. कोड ऑफ सिविल प्रोसिजर की धारा 135 के तहत ये प्रावधान है कि भारत के प्रधानमंत्री, कैबिनेट मंत्री, लोकसभा और राज्यसभा सांसद, मुख्यमंत्री, विधानसभा और विधान परिषद के सदस्यों को गिरफ्तार नहीं किया जा सकता है. हालांकि, इन पदों पर आसीन लोगों को सिर्फ सिविल मामलों में ही गिरफ्तारी की छूट है. 

अगर इनके खिलाफ कोई क्रिमिनल केस होगा तो उसमें उन्हें गिरफ्तार किया जा सकता है. इसके बावजूद इन्हें हिरासत में लेने या गिरफ्तार करने से पहले उस सदन के अध्यक्ष से मंजूरी लेना होता है जिसके ये सदस्य हों. यानी विधानसभा, राज्यसभा और विधान परिषद के अध्यक्ष या सभापति से मंजूरी लेना अनिवार्य है. अगर मुख्यमंत्री, कैबिनेट मंत्री, लोकसभा और राज्यसभा अपने संबंधित सदन में हैं तो भी उन्हें गिरफ्तार नहीं किया जा सकता.

राष्ट्रपति या राज्यपाल की गिरफ्तारी को लेकर क्या है कानून?
संविधान के अनुच्छेद 361 के मुताबिक,  राष्ट्रपति या किसी राज्य के राज्यपाल को छूट दी गई है कि उनके कार्यकाल के दौरान उनके खिलाफ किसी प्रकार की कोई कार्रवाई नहीं हो सकती. न ही उन्हें हिरासत में लिया जा सकता है और न ही उन्हें गिरफ्तार किया जा सकता है. देश की कोई कोर्ट भी उनके खिलाफ किसी प्रकार का आदेश जारी नहीं कर सकता. इन्हें सिविल और क्रिमिनल दोनों प्रकार के मामलों में गिरफ्तारी या किसी प्रकार की कार्रवाई से छूट मिली है. हालांकि, पद से हटने के बाद उनकी गिरफ्तारी संभव है.

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