DNA Analysis: आज फिटनेस को लेकर जिस तरह का माहौल है, हर कोई फिट और अच्छा दिखना चाहता है लेकिन क्या आप जानते हैं कि आपकी इसी चाहत का फायदा उठा कर कुछ लोग आपकी नसों में ज़हर घोल रहे हैं और ये ज़हर उसी प्रोटीन सप्लीमेंट के नाम पर बांटा जा रहा है.
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DNA Analysis: क्या आप फिल्मी सितारों या खिलाड़ियों की तरह बॉडी बनाने की ख्वाहिश रखते हैं. क्या आप भी लीन मसल्स और टोन्ड बॉडी के लिए जिम में पसीना बहाते हैं और सबसे ज़रूरी क्या आप सुडौल शरीर पाने के लिए प्रोटीन सप्लीमेंट्स का इस्तेमाल करते हैं और अगर आपके जवाब हां में हैं तो आज डीएनए का ये विश्लेषण खास तौर पर आपके लिए ही है.
आज फिटनेस को लेकर जिस तरह का माहौल है, हर कोई फिट और अच्छा दिखना चाहता है लेकिन क्या आप जानते हैं कि आपकी इसी चाहत का फायदा उठा कर कुछ लोग आपकी नसों में ज़हर घोल रहे हैं और ये ज़हर उसी प्रोटीन सप्लीमेंट के नाम पर बांटा जा रहा है, जिसे आजकल मसल्स बनाने के लिए सबसे ज़रूरी बताया जाता है.
जानें मेरठ का ये मामला
आज हम आपको नकली प्रोटीन पाउडर और इसके नुकसान के बारे में भी बताएंगे लेकिन इससे पहले आपको उत्तर प्रदेश के मेरठ से सामने आई इस ख़बर को जरूर पढ़ना चाहिए.
यूपी पुलिस ने मेरठ में नकली हेल्थ सप्लीमेंट्स बनाने वाले एक रैकेट का पर्दाफ़ाश किया है. ये फैक्टरी एक मकान के तहख़ाने में चलाई जा रही थी और खुफिया जानकारी के आधार पर पुलिस ने वहां छापेमारी की तो वहां जो कुछ मिला उसे देखकर आप भी हैरान रह जाएंगे. इस तहखाने से पुलिस को भारी मात्रा में नक़ली प्रोटीन पाउडर और दूसरे हेल्थ सप्लीमेंट्स मिले और इन प्रोडक्ट्स पर महंगे विदेशी ब्रैंड्स के लेवल लगे हुए थे. पुलिस की पूछताछ से मिली जानकारी के अनुसार ये लोग करीब 8 साल से हेल्थ सप्लीमेंट के नाम पर नक़ली प्रोटीन पाउडर बेच रहे थे और अब तक ये अलग अलग जगहों पर 50 करोड़ से भी ज्यादा की कीमत का माल सप्लाई कर चुके हैं.
अब आपको ये भी समझना चाहिए कि नक़ली प्रोटीन पाउडर का ये कारोबार इतना बड़ा और इतना फायदेमंद क्यों हो गया है और आम लोग इनके जाल में क्यों फंस रहे हैं इसका जवाब है बाज़ार.
भारत में फूड सप्लीमेंट का बाज़ार प्रति वर्ष लगभग 15 प्रतिशत की दर से बढ़ रहा है और केवल वित्त वर्ष 2020-21 में ही देश में करीब 33 हज़ार 100 करोड़ रुपये के हेल्थ सप्लीमेंट्स बेचे गए, जबकि पूरी दुनिया में इसी एक वर्ष में करीब 9 लाख 84 हज़ार करोड़ रुपये के सप्लीमेंट्स का कारोबार किया गया और हज़ारों, लाखों करोड़ों का ये बाज़ार सिर्फ़ आपको फिट रखने और अच्छा दिखाने के नाम पर चल रहा है.
हालांकि हम ये बिल्कुल भी नहीं कह रहे हैं कि आप जिम में वर्कआउट मत करिए और न ही हम आपको प्रोटीन पाउडर जैसे सप्लीमेंट्स लेने से रोक रहे हैं. हम सिर्फ़ ये कह रहे हैं कि आप जिस प्रोटीन पाउडर का सेवन कर रहे हैं, उसमें प्रोटीन है भी या नहीं, उसका तो पता कर लीजिए.
क्योंकि प्रोटीन हमारे शरीर के लिए बेहद जरूरी होता है. ये हमारे बालों, त्वचा, मसल्स और आंखों को स्वस्थ रखने में मदद करता है. प्रोटीन हमें कई तरह की बीमारियों से लड़ने की शक्ति भी प्रदान करता है. साथ ही हमारी कोशिकाओं की ग्रोथ और उन्हे रिपेयर करने के लिए भी जरूरी होता है. और प्रोटीन की यही खूबी इसे बॉडी बिल्डिंग का सबसे अहम हिस्सा बना देती है.
आपने बागीचे में माली को पौधों को काटते छांटते देखा होगा. छंटाई के बाद ये पौधे पहले से ज्यादा घने और खूबसूरत हो जाते हैं. हमारी मसल्स के साथ भी कुछ ऐसा ही होता है. जब हम जिम में वर्कआउट करते हैं या किसी भी तरह की एक्सराइज करते हैं, तो शरीर के उस हिस्से की कोशिकाओं पर दबाव पड़ता है और वो टूटने लगती हैं यानी हम उन्हे इंजरी पहुंचाते हैं और कसरत के बाद में जब हम आराम करते हैं तो ये कोशिकाएं या सेल्स अपने आप रिकवर होने लगती हैं और ये फिर ये कोशिकाएं पहले के मुकाबले ज्यादा मज़बूत और ज्यादा बड़ी हो जाती हैं लेकिन इस रिकवरी के लिए इन्हे प्रोटीन की जरूरत होती है और अगर जरूरत भर का प्रोटीन नहीं मिला तो ये कोशिकाएं खुद को रिकवर नहीं कर पातीं और आपको कसरत का खास फायदा नहीं होता.
वर्ष 2017 में हुए एक सर्वे के अनुसार देश के 90 प्रतिशत लोगों को यही नहीं पता था, कि उन्हे प्रतिदिन प्रोटीन की कितनी मात्रा की जरूरत है और इसीलिए अब हम आपको बताएंगे कि एक सामान्य इंसान को प्रतिदिन कितना प्रोटीन चाहिए और क्या ये प्रोटीन उसे प्राकृतिक रूप ये यानी उसके खाने की थाली से मिल सकता है.
प्रोटीन की रोज़ाना की जरूरत को कैलकुलेट करने का बहुत ही आसान तरीका है, जैसे अगर आपका वजन 70 किलोग्राम है तो आपके शरीर को फिट रहने के लिए प्रतिदिन 70 ग्राम प्रोटीन की जरूरत होगी. यानी हर एक किलो वजन पर लगभग 1 ग्राम प्रोटीन की जरूरत होती है. लेकिन आज हमारी लाइफ स्टाइल कुछ ऐसी है कि हम इनमें से ज्यादातर चीजें रोज़ाना नहीं खा पाते हैं और हमें हमारी जरूरत भर का प्रोटीन नहीं मिल पाता.
वर्ष 2017 में हुए एक सर्वे के अनुसार 73 प्रतिशत भारतीयों में प्रोटीन की कमी पाई गई थी और वो प्रतिदिन औसतन 48 ग्राम से भी प्रोटीन ले पा रहे थे, जबकि पूरी दुनिया के लिए ये आंकड़ा लगभग 68 ग्राम प्रतिदिन है. इस आंकड़े से स्पष्ट है कि आज एक आम भारतीय की थाली से प्रोटीन कम होता जा रहा है और इसीलिए कई बार अलग से प्रोटीन सप्लीमेंट्स लेने की भी सलाह दी जाती है, ताकि आपके शरीर में प्रोटीन की कमी न हो.
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