मेनोपॉज का दिल की बीमारी से क्या है कनेक्शन? महिलाओं को जरूर पता होनी चाहिए ये बातें
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मेनोपॉज का दिल की बीमारी से क्या है कनेक्शन? महिलाओं को जरूर पता होनी चाहिए ये बातें

दिल की बीमारी दुनियाभर में मौत का एक प्रमुख कारण है और रजोनिवृत्ति (मेनोपॉज) के बाद महिलाओं में दिल की बीमारी का खतरा काफी बढ़ जाता है.

मेनोपॉज का दिल की बीमारी से क्या है कनेक्शन? महिलाओं को जरूर पता होनी चाहिए ये बातें

दिल की बीमारी दुनियाभर में मौत का एक प्रमुख कारण है और यह महिलाओं को भी उतना ही प्रभावित करता है जितना पुरुषों को. हालांकि, रजोनिवृत्ति (मेनोपॉज) के बाद महिलाओं में दिल की बीमारी का खतरा काफी बढ़ जाता है. मेनोपॉज वह समय होता है जब एक महिला पीरियड्स का अनुभव करना बंद कर देती है. यह आमतौर पर 45 से 55 वर्ष की आयु के बीच होता है.

मेनोपॉज के दौरान महिलाओं के शरीर में एस्ट्रोजन का लेवल कम हो जाता है. एस्ट्रोजन नसों को लचीला बनाए रखने और सूजन को कम करने में मदद करता है. एस्ट्रोजन के कम लेवल के कारण नसें सख्त हो सकती हैं, जिससे दिल की बीमारी का खतरा बढ़ जाता है. मेनोपॉज के अलावा, दिल की बीमारी के बढ़ते खतरों के अन्य कारण भी हो सकता है, चलिए उनके बारे में जानते हैं.

कोलेस्ट्रॉल लेवल
मेनोपॉज के बाद बैड (LDL) कोलेस्ट्रॉल का लेवल बढ़ सकता है जबकि गुड (HDL) कोलेस्ट्रॉल का लेवल कम हो सकता है. यह नसों में प्लेक जमा होने का खतरा बढ़ा देता है, जिससे दिल्ली की बीमारी हो सकता है.

ब्लड प्रेशर
मेनोपॉज के बाद ब्लड प्रेशर बढ़ने का खतरा भी बढ़ जाता है. हाई ब्लड प्रेशर दिल को खून पंप करने के लिए ज्यादा मेहनत करने के लिए मजबूर करता है, जिससे दिल की बीमारी का खतरा बढ़ जाता है.

वजन बढ़ना
मेनोपॉज के बाद वजन बढ़ना आम है. अधिक वजन या मोटापा दिल की बीमारी के रिस्क फैक्टर जैसे हाई ब्लड प्रेशर, हाई कोलेस्ट्रॉल और डायबिटीज को बढ़ा सकता है.

व्यायाम
व्यायाम की कमी दिल की बीमारी के विकास के खतरे को बढ़ा सकती है.

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दिल की बीमारी के खतरे को कम करने के लिए मेनोपॉज के बाद महिलाएं क्या कर सकती हैं?
- हेल्दी लाइफस्टाइल जीवनशैली अपनाएं, जिसमें बैलेंस डाइट लें, नियमित व्यायाम करें, धूम्रपान न करें और सीमित मात्रा में शराब का सेवन करें.
- वजन कंट्रोल करें और हेल्दी वजन बनाए रखें.
- ब्लड प्रेशर की नियमित जांच कराएं. हाई ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने के लिए दवाओं का सेवन करें.
- कोलेस्ट्रॉल लेवल की जांच कराएं. हाई कोलेस्ट्रॉल को कम करने के लिए दवाओं का सेवन करें.
- डॉक्टर से नियमित सलाह करें. अपने डॉक्टर से दिल की बीमारी के रिस्क फैक्टर के बारे में बात करें और नियमित जांच करवाएं.

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यह याद रखना महत्वपूर्ण है कि मेनोपॉज के बाद दिल की बीमारी का खतरा बढ़ जाता है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि आप दिल की बीमारी से बच नहीं सकतीं. हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाकर और अपने डॉक्टर से नियमित सलाह करके आप दिल की बीमारी के खतरे को कम कर सकती हैं और एक लंबा और हेल्दी जीवन जी सकती हैं.

Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.

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