सिगरेट पीना सेहत के लिए हानिकारक है, ये तो हम सभी जानते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि धूम्रपान महिलाओं को पुरुषों की तुलना में कहीं ज्यादा प्रभावित करता है?
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सिगरेट पीना सेहत के लिए हानिकारक है, ये तो हम सभी जानते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि धूम्रपान महिलाओं को पुरुषों की तुलना में कहीं ज्यादा गंभीर रूप से प्रभावित करता है?
महिलाओं के शरीर पुरुषों के शरीर से बायोलॉजिकल रूप से अलग होते हैं, जिससे वे तंबाकू के हानिकारक कैमिकल के प्रति ज्यादा सेंसिटिव हो जाती हैं. आइए जानते हैं कैसे धूम्रपान महिलाओं की सेहत को पुरुषों से ज्यादा प्रभावित करता है.
1. दिल की बीमारी
धूम्रपान दिल की बीमारी का एक प्रमुख कारण है. यह नसों को सख्त और सिकुड़ा कर देता है, जिससे खून का फ्लो कम हो जाता है और दिल को खून पंप करने के लिए अधिक मेहनत करनी पड़ती है. महिलाओं में एस्ट्रोजन दिल को सुरक्षा प्रदान करता है, लेकिन मेनोपॉज के बाद यह सुरक्षा कम हो जाती है. ऐसे में धूम्रपान करने वाली महिलाओं में दिल की बीमारी का खतरा काफी बढ़ जाता है.
2. फेफड़ों का कैंसर
धूम्रपान फेफड़ों के कैंसर का सबसे बड़ा कारण है. यह महिलाओं में फेफड़ों के कैंसर के सबसे आम कारणों में से एक है. धूम्रपान न करने वाली महिलाओं की तुलना में धूम्रपान करने वाली महिलाओं में फेफड़ों के कैंसर का खतरा कई गुना अधिक होता है.
3. प्रजनन क्षमता
धूम्रपान महिलाओं की प्रजनन क्षमता (फर्टिलिटी) को भी प्रभावित कर सकता है. यह अनियमित पीरियड्स, ओवुलेशन में समस्या और बांझपन का कारण बन सकता है. धूम्रपान अंडाशय को कम अंडाणु पैदा करने के लिए प्रेरित करता है और उनकी क्वालिटी को भी कम कर देता है.
4. प्रेग्नेंसी संबंधी समस्याएं
धूम्रपान करने वाली महिलाओं में गर्भपात, अस्थानिक गर्भावस्था (ectopic pregnancy) और समय से पहले जन्म का खतरा अधिक होता है. धूम्रपान से गर्भ में पल रहे बच्चे के विकास पर भी बुरा प्रभाव पड़ सकता है. शिशु कम वजन के साथ पैदा हो सकता है और सांस लेने में तकलीफ हो सकती है.
5. ऑस्टियोपोरोसिस
धूम्रपान हड्डियों को कमजोर कर ऑस्टियोपोरोसिस का खतरा बढ़ा देता है. एस्ट्रोजन हड्डियों की डेंसिटी को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, लेकिन मेनोपॉज के बाद एस्ट्रोजन का लेवल कम हो जाता है. धूम्रपान एस्ट्रोजन के लेवल को और कम कर देता है, जिससे महिलाओं में ऑस्टियोपोरोसिस का खतरा बढ़ जाता है.
धूम्रपान न केवल शारीरिक स्वास्थ्य बल्कि मानसिक स्वास्थ्य को भी प्रभावित करता है. धूम्रपान करने वाली महिलाओं में डिप्रेशन और एग्जाइटी का खतरा अधिक होता है. यह जानना जरूरी है कि धूम्रपान छोड़ने के लिए कभी भी देर नहीं होती है. धूम्रपान छोड़ने के फायदे तुरंत मिलने लगते हैं.