ओवरथिंकिंग यानी ज्यादा सोचना सिर्फ आपके मेंटल हेल्थ को ही नहीं, बल्कि आपके फिजिकल हेल्थ को भी नुकसान पहुंचाता है. लगातार चिंता करने से नींद की कमी, सिरदर्द, हाई ब्लड प्रेशर और अन्य शारीरिक समस्याएं हो सकती हैं.
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आजकल की बिजी जिंदगी में हम सभी किसी न किसी चीज के बारे में बहुत ज्यादा सोचते रहते हैं. चाहे वो काम से जुड़ी समस्याएं हों, रिश्तों में उलझन या भविष्य की चिंताएं, इन सब चीजों को बार-बार सोचने से हम अनजाने में अपनी मेंटल सेहत को नुकसान पहुंचाते हैं. इस स्थिति को ‘ओवरथिंकिंग’ कहा जाता है, जो मानसिक तनाव, चिंता और डिप्रेशन जैसी समस्याओं को जन्म दे सकती है.
ओवरथिंकिंग यानी ज्यादा सोचना सिर्फ आपके मेंटल हेल्थ को ही नहीं, बल्कि आपके फिजिकल हेल्थ को भी नुकसान पहुंचाता है. लगातार चिंता करने से नींद की कमी, सिरदर्द, हाई ब्लड प्रेशर और अन्य शारीरिक समस्याएं हो सकती हैं. ओवरथिंकिंग से निकलने का रास्ता ढूंढना जरूरी है ताकि आप मानसिक और शारीरिक रूप से स्वस्थ रह सकें.
कैसे पहचानें ओवरथिंकिंग?
ओवरथिंकिंग की पहचान करना उतना मुश्किल नहीं है. अगर आप किसी भी घटना, समस्या या परिस्थिति के बारे में बार-बार सोचते हैं और उसका हल ढूंढने की बजाय उसमें और उलझते जाते हैं, तो आप ओवरथिंकिंग के शिकार हो सकते हैं. इसके अलावा, अगर आप छोटी-छोटी बातों को लेकर चिंतित रहते हैं और वो आपकी रोजमर्रा की जिंदगी में दखल देती हैं, तो ये भी ओवरथिंकिंग का लक्षण हो सकता है.
ओवरथिंकिंग पर काबू पाने के तरीके
मेडिटेशन का सहारा लें
ध्यान ओवरथिंकिंग से बचने का एक प्रभावी तरीका है. रोजाना 10 से 15 मिनट का मेडिटेशन आपको मानसिक शांति देता है और नेगेटिव विचारों से बाहर आने में मदद करता है.
वर्तमान पर ध्यान केंद्रित करें
अक्सर हम भविष्य की चिंता में इतना खो जाते हैं कि वर्तमान का आनंद लेना भूल जाते हैं. अपने जीवन के मौजूदा पलों पर ध्यान दें और उन चीजों की सराहना करें जो आपके पास हैं.
पॉजिटिव सोच का विकास करें:
ओवरथिंकिंग का एक बड़ा कारण नेगेटिव विचार होते हैं. अपने दिमाग को पॉजिटिव सोचने के लिए ट्रेन करें और उन समस्याओं के समाधान पर ध्यान केंद्रित करें जिनसे आप जूझ रहे हैं.
एक्शन प्लान बनाएं
समस्याओं के बारे में बार-बार सोचने की बजाय उनका समाधान निकालने के लिए एक ठोस एक्शन प्लान बनाएं और उस पर काम करें.
Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.