पीरियड्स के दौरान मूड स्विंग को कैसे करें मैनेज, डॉक्टर ने बताए 5 अहम तरीके
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पीरियड्स के दौरान मूड स्विंग को कैसे करें मैनेज, डॉक्टर ने बताए 5 अहम तरीके

हर मर्द को समझना होगा कि किसी भी औरत का मूड स्विंग जानबूझकर नहीं होता है, बल्कि इसके पीछे बायोलॉजिकल कारण होते है. इसे समझेंगे तो अपनी पार्टनर को पीरियड्स के दौरान सपोर्ट कर पाएंगे.

पीरियड्स के दौरान मूड स्विंग को कैसे करें मैनेज, डॉक्टर ने बताए 5 अहम तरीके

How To Manage Mood Swings Effectively: कई लोगों को लगता हा महिलाओं के मूड को समझना नामुमकिन है. उनके दिमाग में क्या चल रहा है ये किसी रहस्य से कम नहीं है. कई बार ये काफी जटिल और समझ से बाहर लगने लगता है. डॉ. मनन वोहरा (Dr. Manan Vora) ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर एक वीडियो के जरिए बताया कि ये मूड स्विंग्स नेचुरल रिएक्शन होते जब वो मेंस्ट्रुअल साइकिल के दौरान हॉर्मोनल फलक्चुएशन फील करती हैं.

डॉ. मनन वोहरा ने बताया कि पीरियड्स से पहले, एस्ट्रोजन (estrogen) और प्रोजेस्टेरोन (progesteron) का लेवल गिर जाता है. इसके अलावा, सेरोटोनिन (serotonin) के स्तर में उतार-चढ़ाव होता है. इससे कुछ फूड के लिए क्रेविंग, सूजन, सिरदर्द और इरिटेशन हो सकती है.

मूड स्विंग को असरदार तरीके से कैसे करें मैनेज

1. शराब से परहेज करें

शराब तो वैसे ही सेहत के लिए नुकसानदेह है, लेकिन अगर आप इसे पीरियड्स के दौरान पिएंगी तो मूड स्विंग और ज्यादा बढ़ सकता है. शराब से परहेज करने से इमोशन को शांत रखने और इसे मेंटेन करने में काफी मदद मिलती है.

2. चीनी का सेवन कम करें

अगर आप हद से ज्यादा चीनी या मीठी चीजों का सेवन करेंगी तो इससे अचानक एनर्जी लेवल बढ़ जाएगा जो मूड स्विंग को खराब स्तर तक ले जा सकता है. इसके लिए बेहतर है कि आप स्वीट फूड्स की जगह बैलेंस्ड डाइट खाएं जिससे स्टीडी एनर्जी लेवल और मूड को मेंटेन किया जा सके.

3. सुकून की नींद लें

एक अच्छी और सुकूनभरी नींद आपके इमोशनल वेल बीइंग के लिए बेहद जरूरी है. ये हार्मोन को रेगुलेट करने और मूड स्विंग के इम्पैक्ट को कम करने में मददगार होती है.

 

 

 

4. एक्सरसाइज

रेगुलर फिजिकल एक्सरसाइज करने से एंडोर्फिन (endorphin) रिलीज होता है, जिसे हैप्पी हार्मोन (happy hormone) के रूप में जाना जाता है, जो स्वाभाविक रूप से आपके मूड को बढ़ा सकता है और तनाव का मुकाबला कर सकता है. एक नॉर्मल डेली वॉक या योग का सेशन एक अहम अंतर ला सकता है.

5. लिखने की प्रैक्टिस करें

अपने विचारों और भावनाओं को लिखना, फीलिंग को एक्सप्रेस करने और समय के साथ मूड पैटर्न को ट्रैक करने के लिए एक आउटलेट प्रदान कर सकता है. ये ट्रिगर्स को समझने और प्रभावी मुकाबला करने की रणनीति खोजने में मदद कर सकता है.

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