High BP: सोशल मीडिया और कॅरिअर की होड़ बन रहा जान का दुश्मन, हर दूसरा युवा हाई बीपी की समस्या से परेशान
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High BP: सोशल मीडिया और कॅरिअर की होड़ बन रहा जान का दुश्मन, हर दूसरा युवा हाई बीपी की समस्या से परेशान

High bp in youth: जिंदगी की तूफानी रफ्तार, करिअर रेस का दबाव, मोबाइल और सोशल मीडिया ने मिल कर युवा प्रोफेशनल्स की नींद उड़ा रखी है. हर दूसरा युवा प्रोफेशनल कम नींद का शिकार है और इसका असर उसके ब्लड प्रेशर पर पड़ रहा है. 

High BP: सोशल मीडिया और कॅरिअर की होड़ बन रहा जान का दुश्मन, हर दूसरा युवा हाई बीपी की समस्या से परेशान

Casues of high bp: जिंदगी की तूफानी रफ्तार, करिअर रेस का दबाव, मोबाइल और सोशल मीडिया ने मिल कर युवा प्रोफेशनल्स की नींद उड़ा रखी है. हर दूसरा युवा प्रोफेशनल कम नींद का शिकार है और इसका असर उसके ब्लड प्रेशर पर पड़ रहा है. उनका बीपी मानक से कहीं ज्यादा मिल रहा है. 

कानपुर के जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के फिजियोलाजी विभाग की क्रास सेक्शनल स्टडी में इसका खुलासा हुआ है. स्टडी में 18-25 साल की उम्र के छह प्रोफेशन में काम कर रहे 180 युवाओं को लिया गया. इनमें डॉक्टर, इंजीनियर, मैनेजर, एडवोकेट, शिक्षक और उद्योगी शामिल हैं.

स्टडी में जिन 42 फीसदी का ब्लड प्रेशर बढ़ा मिला, उनकी नींद छह घंटे से कम पाई गई. वे लगातार नींद कम होने से ब्लड प्रेशर के रोगी हो रहे हैं. स्टडी में सामने आया कि इन युवाओं ने कॅरिअर का दबाव, कॉल सुनने की मजबूरी और सोशल मीडिया एडिक्शन को नींद कम होने की वजह बताया.

स्टडी के अन्य महत्वपूर्ण निष्कर्ष

  • आठ घंटे से कुछ ज्यादा नींद लेने वालों में बीपी आदर्श स्थिति में रहा
  • छह से आठ घंटे की नींद लेने वाले युवाओं में बीपी संतोषजनक मिला
  • छह घंटे से कम नींद लेने वाले युवाओं में बीपी बढ़ा मिला
  • एंडोक्राइनोलाजी, न्यूरो, मनोरोग की दवा लेने वाले हाइपरटेंशन रोगी मिले.

स्टडी के परिणाम

  • 42 फीसदी की नींद छह घंटे से कम, बीपी सामान्य से ज्यादा मिला
  • 17 फीसदी युवा प्री-बीपी की स्टेज में थे. उनकी नींद भी प्रभावित
  • 41 प्रतिशत की नींद 8 घंटे या ज्यादा. उनका बीपी ठीक मिला

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