क्या गर्भनिरोधक गोलियां बिगाड़ सकती है मेंटल हेल्थ? एक्सपर्ट के जानें हकीकत
Advertisement
trendingNow12323206

क्या गर्भनिरोधक गोलियां बिगाड़ सकती है मेंटल हेल्थ? एक्सपर्ट के जानें हकीकत

आजकल महिलाएं गर्भधारण पर कंट्रोल रखने के लिए कई तरह के तरीकों का इस्तेमाल करती हैं, जिनमें से गर्भनिरोधक गोलियां सबसे आम हैं. ये गोलियां हार्मोन के जरिए ओव्यूलेशन को रोककर गर्भधारण को रोकती हैं.

क्या गर्भनिरोधक गोलियां बिगाड़ सकती है मेंटल हेल्थ? एक्सपर्ट के जानें हकीकत

आजकल महिलाएं अनचाहे गर्भ से बचने के लिए कई तरह के गर्भनिरोधक तरीकों का इस्तेमाल करती हैं. इनमें से एक है गर्भनिरोधक गोलियां. ये गोलियां हार्मोन के जरिए ओवुलेशन को रोककर गर्भधारण को रोकती हैं. लेकिन कुछ महिलाओं का यह भी मानना है कि इन गोलियों के सेवन से उनका मानसिक स्वास्थ्य प्रभावित होता है. क्या यह सच है? क्या गर्भनिरोधक गोलियां वाकई में मेंटल हेल्थ को बिगाड़ सकती हैं?

आइए इस लेख में हम इस सवाल का जवाब ढूंढते हैं. हमने इस विषय पर डॉक्टरों और विशेषज्ञों से बात की है और आपको उनकी राय से अवगत कराएंगे. स्त्री रोग विशेषज्ञ एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ, ट्रूलाइफ फैमिली हेल्थ क्लिनिक में गायनोलॉजिस्ट एंड आब्स्टट्रिशन डॉ. श्वेता मिश्रा बताती हैं कि गर्भनिरोधक और मानसिक स्वास्थ्य का आपस में गहरा संबंध है. डॉक्टर के रूप में मैंने देखा है कि गर्भनिरोधक चुनते समय महिलाओं को कई तरह की बातों का ध्यान रखना होता है. हार्मोनल गर्भनिरोधक गोलियां, इंजेक्शन या आईयूडी जैसी दवाएं सबसे आम हैं. ये दवाएं एस्ट्रोजन और प्रोजेस्ट्रोन जैसे हार्मोंस को प्रभावित करती हैं, जो मूड और इमोशनल बैलेंस को बनाए रखने में अहम भूमिका निभाते हैं. इसलिए, इन हार्मोनों के लेवल में बदलाव से महिला के मानसिक स्वास्थ्य पर असर पड़ सकता है.

मूड स्विंग्स, चिंता, डिप्रेशन जैसी समस्याएं
उन्होंने आगे बताया कि कुछ महिलाओं को इन दवाओं से पीरियड्स नियमित होने, दर्द कम होने और मासिक धर्म से पहले होने वाली तकलीफों (पीएमएस) में राहत मिलती है. वहीं, कुछ महिलाओं को मूड स्विंग्स, चिंता, डिप्रेशन जैसी समस्याएं हो सकती हैं. नॉन-हार्मोनल गर्भनिरोधक तरीकों जैसे कंडोम या कॉपर आईयूडी का सीधा असर हार्मोन पर नहीं पड़ता, इसलिए इनका मानसिक स्वास्थ्य पर कम प्रभाव होता है. लेकिन इन तरीकों की प्रभावशीलता और इस्तेमाल में आसानी भी मानसिक स्थिति को प्रभावित कर सकती है. इसलिए सही गर्भनिरोधक चुनना जरूरी है.

डॉक्टर से खुलकर बात करें
डॉ. श्वेता ने कहा कि डॉक्टर से खुलकर बात करें, अपनी मेडिकल हिस्ट्री बताएं और मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी किसी भी परेशानी की जानकारी दें. डॉक्टर आपकी जरूरतों के हिसाब से दवा या तरीका चुनेंगे. साथ ही, नियमित जांच कराएं ताकि किसी भी तरह के साइड इफेक्ट पर नजर रखी जा सके. अपने डॉक्टर से बातचीत कर और अपने शरीर को समझते हुए आप वह गर्भनिरोधक चुन सकती हैं जो शारीरिक और मानसिक दोनों तरह से आपके लिए सही हो.

Trending news