दिल्ली की एक महिला के पेट से डॉक्टरों ने 1500 से ज्यादा पथरी निकाली हैं. जी हां, आपने बिल्कुल सही पढ़ा. 1500! ये पथरी उनकी गलती बिलकुल नहीं थी, बल्कि उनकी खाने की आदतों का नतीजा थीं.
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दिल्ली के सर गंगा राम अस्पताल के डॉक्टरों ने एक एक्स्ट्राऑर्डिनरी मेडिकल केस में 32 वर्षीय महिला के पित्ताशय (gallbladder) से 1500 से ज्यादा पथरी निकालने में सफलता हासिल की है. यह महिला एक आईटी कंपनी में काम करती है और पिछले कुछ महीनों से नियमित रूप से जंक फूड और ऑयली भोजन का सेवन कर रही थी. इस अनहेल्दी डाइट के कारण उसे अक्सर पेट फूलना और भारीपन महसूस होता था. इन परेशानियों से राहत पाने के लिए वह नियमित रूप से बिना डॉक्टर के सलाह से एंटासिड दवाइयां ले रही थी.
दरआसल, कुछ समय से महिला को अपने ऊपरी दाएं पेट में दर्द भी हो रहा था, जो कभी-कभी उसकी पीठ और दाहिने कंधे तक फैल जाता था. यह दर्द अक्सर मतली और उल्टी के साथ होता था. असहनीय पीड़ा के कारण उसने अपने फैमली डॉक्टर से संपर्क किया, जिन्होंने अल्ट्रासाउंड कराने की सलाह दी. जांच में पाया गया कि उसका पित्ताशय पथरी से भरा हुआ है.
डॉक्टर ने क्या बताया?
सर गंगा राम अस्पताल के एक्सपर्ट ने पित्ताशय और पथरी को निकालने के लिए लेप्रोस्कोपिक चोलेसिस्टेक्टोमी नामक एक न्यूनतम इनवेसिव प्रक्रिया करने का सुझाव दिया. अस्पताल के लेप्रोस्कोपिक और जनरल सर्जरी विभाग के वरिष्ठ सलाहकार और उपाध्यक्ष डॉ. मनीष के गुप्ता के नेतृत्व में सर्जिकल टीम ने महिला के पेट में 10 मिमी और 5 मिमी के चीरे लगाकर पित्ताशय को निकाला.
खराब लाइफस्टाइल बढ़ा रहा खतरा
डॉ. मनीष ने बताया कि बदलती लाइफस्टाइल, खासकर लंबे समय तक भोजन न करना और लंबे अंतराल के बाद भोजन करना, पित्त के जमने का कारण बन सकता है, जिससे पित्त पथरी की समस्या बढ़ रही है. उन्होंने यह भी कहा कि भले ही पथरी छोटी हों, वे पित्त नली में जाकर पीलिया और पैंक्रियाटाइटिस का कारण बन सकती हैं. इसी तरह, अगर बड़ी पथरी का इलाज न किया जाए, तो लंबे समय तक पित्ताशय में रहने से यह पित्ताशय के कैंसर का कारण बन सकती है.
बिना डॉक्टरी सलाह के दवा न लें
यह मामला इस बात का उदाहरण है कि अनहेल्दी डाइट और बिना डॉक्टरी सलाह के दवा लेने से शारीरिक परेशानियां खड़ी हो सकती हैं. एक्सपर्ट पेट में किसी भी तरह के दर्द या असुविधा को नजरअंदाज न करने और डॉक्टर से सलाह लेने की सलाह देते हैं. साथ ही, हेल्दी और बैलेंस डाइट लेना और नियमित व्यायाम करना भी जरूरी है.