छोटी उम्र से बिहार की मैथिली ठाकुर ने सुरों से की शिव साधना, प्रधानमंत्री से मिला युवा सम्मान
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छोटी उम्र से बिहार की मैथिली ठाकुर ने सुरों से की शिव साधना, प्रधानमंत्री से मिला युवा सम्मान

Maithili Thakur: बिहार की टैलेंटेड सिंगर मैथिली ठाकुर ने हाल ही में जी न्यूज के मैडम सर कार्यक्रम में खास बातचीत में अपने बारे में खुलकर बात की और बताया कि कैसे उनके पिता ने उनको पढ़ाई के साथ-साथ गायकी में भी स्पोर्ट किया और उनको आगे बढ़ाया. 

छोटी उम्र से बिहार की मैथिली ठाकुर ने सुरों से की शिव साधना, प्रधानमंत्री से मिला युवा सम्मान

Maithili Thakur On Zee News Madam: 25 जुलाई, 2000 को बिहार के मधुबनी में जन्मी भारत की उभरती टैलेंटेड सिंगर मैथिली ठाकुर अपनी बेहतरीन आवाज और शानदार गानों के लिए जानी जाती हैं. हाल ही में 8 मार्च को फेमस यंग सिंगर और युथ आइकन के तौर पर अपनी पहचान बनाने वाली मैथिली ठाकुर ने महज 23 साल की उम्र में देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से युवा सम्मान (National Creators Award 2024) मिला. 

इसी दौरान मैथिली ने पीएम मोदी के साथ सेल्फी भी ली थी, जो सोशल मीडिया पर खूब वायरल भी हुई थी. पीएम मोदी ने भी मैथिली की खूब तारीफ की थी. इसी बीच मैथिली जी न्यूज के मैडम सर कार्यक्रम का हिस्सा बनीं और उन्होंने अपने करियर और गायकी के बारे खुलकर बात की. मैथिली ने बताया कि कैसे उनके पिता रमेश ठाकुर, जो खुद भी एक लोकप्रिय सिंगर है, ने उनको पढ़ाई के साथ-साथ गायकी में भी स्पोर्ट किया और उनको आगे बढ़ाया. 

अवॉर्ड मिलने पर कैसा लगा?
 
देश के प्रधानमंत्री मोदी से युवा सम्मान मिलने पर मैथिली बताती हैं, 'बहुत अद्भुत रहा सब कुछ, क्योंकि प्रधानमंत्री से मिलने का सपना था. जिस तरह से हम पहली बार मिले और उनके हाथों से अवॉर्ड मिला ये बहुत बड़ी अचिवमेंट है'. मैथिली ने आगे कहा, 'नेशनल क्रिएटर अवॉर्ड' एक बहुत अच्छी पहल है, क्योंकि ये हम कभी ये सोच भी नहीं सकते थे कि सोशल मीडिया पर एक्टिव रहने के लिए या कॉन्टेंट बनाने के लिए किसी को अवॉर्ड मिल सकता है. पूरी दुनिया में हमारे प्रधानमंत्री जी ने ये एक बड़ा उदाहरण स्थापित किया है. भारत में ऐसा पहली बार हो रहा है. प्रधानमंत्री जी की नजर सभी पर है. 

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सरकार ने ये नया कदम उठाया कैसा लगा? 

इसको लेकर मैथिली ने कहा, 'जब 4 मार्च को पता चला कि इस तरह का कोई अवॉर्ड मिलने वाला है. जब हम प्रधानमंत्री के सामने खड़े थे तो कोई पार्टी-पॉलिटिक्स नहीं सोच रहे थे. हमे भी ऐसा नहीं लग रहा था कि कोई पॉलिटिशियन आ रहे हैं और भाषण देंगे और हमको उनको सुनना है 2 घंटे बैठकर. ऐसा बिल्कुल भी नहीं था. हमारे लिए वो इंफ्लूएंसर की तरह बात कर रहे थे. पीएम ने खुद एक क्रिएटर के तौर पर सबसे बात की और अपनी बात रखी'. 

जब संगीत को चुना तो माता-पिता का क्या रिएक्शन था? 

इस बारे में बात करते हुए बताया, 'ये बिल्कुल भी मेरा विजन नहीं था मेरे पापा का था. वो हमेशा इस बात पर फोकस करते थे कि जितनी पढ़ाई करनी है स्कूल में करके आया करो घर पर बस संगीत का अभ्यास किया करो, क्योंकि कच्ची उम्र में जो अभ्यास किया जाता है वो उम्र भर साथ रहता है. मेरे पापा इतने स्पोर्टिव हैं कि म्यूजिक ही करना है. उन्होंने ये सोच लिया था कि वो मुझे सिंगर ही बनाएंगे'. इसके अलावा मैथिली ने 'डिमिक-डिमिक डमरू कर बाजे...' गाकर सुनाया.  

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