Maharashtra Sarkar: कोरोना में माता-पिता को खाने वाले इन छात्रों की नहीं रुकेगी पढ़ाई, सरकार ने किया फीस माफी का ऐलान
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Maharashtra Sarkar: कोरोना में माता-पिता को खाने वाले इन छात्रों की नहीं रुकेगी पढ़ाई, सरकार ने किया फीस माफी का ऐलान

Maharashtra Free Education: सरकार ने राज्य के छात्रों के लिए बड़ा फैसला लिया है. सरकार ने कोरोना के दौरान अपने माता-पिता को खोने वाले छात्रों की शिक्षा पूरी होने तक पूरी फीस माफ करने का ऐलान किया था, ताकि छात्र शिक्षा से वंचित न रहें. 

Maharashtra Sarkar: कोरोना में माता-पिता को खाने वाले इन छात्रों की नहीं रुकेगी पढ़ाई, सरकार ने किया फीस माफी का ऐलान

Maharashtra Free Education: ऐसे बच्चे जिन्होंने कोविड महामारी में अपने माता-पिता को खो दिया है, उनके लिए एक राहत भरी खबर है. ऐसे स्टूडेंट्स की पढ़ाई में किसी तरह की कोई समस्या न आए और आर्थिक हालातों के कारण उन्हें बीच में ही पढ़ाई न छोड़नी पड़ जाए, इसके लिए महाराष्ट्र सरकार ने शानदार पहल की है. दरअसल, सरकार ने ऐसे छात्रों की फीस माफ कर दी है.

महाराष्ट्र के उच्च और तकनीकी शिक्षा मंत्री चंद्रकांत पाटिल ने कहा कि महाराष्ट्र सरकार ने उन सभी छात्रों के लिए शिक्षा पूरी होने तक पूरी फीस माफी का ऐलान किया है, जिन्होंने अपने माता-पिता को कोविड के दौरान खो दिया है. फीस माफी का यह निर्णय ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन के छात्रों के लिए लिया गया है.

इस फैसले के पीछे सरकार की मंशा
सरकार की ओर से इस निर्णय को लेने के पीछे मुख्य उद्देश्य यह है कि  स्टूडेंट्स को आर्थिक तंगी के कारण शिक्षा से वंचित न रहना पडे़. 

राज्य के खजाने पर आएगा इतना अतिरिक्त भार 
मंत्री चंद्रकांत पाटिल ने कहा कि सभी सरकारी कॉलेजों में अंडर ग्रेजुएशन के 931 स्टूडेंट्स और पोस्ट ग्रेजुएशन के 228 छात्रों ने अपने माता-पिता दोनों को कोविड महामारी के दौरान खो दिया है. सरकार ऐसे छात्रों के पूरे कोर्स की फीस का भुगतान करेगी. मंत्री ने जानकारी देते हुए कहा कि मुफ्त शिक्षा प्रदान करने के फैसले से राज्य के खजाने पर सालाना 2 करोड़ रुपये से अधिक का भार पड़ेगा.

सोशल मीडिया पर साझा की जानकारी
मंत्री चंद्रकांत पाटिल ने इस संबंध में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्वीटर पर जानकारी शेयर की है. ट्वीट करते हुए चंद्रकांत पाटिल ने लिखा कि, 'सरकार ने कोरोना के दौरान अपने माता-पिता को खोने वाले छात्रों की शिक्षा पूरी होने तक पूरी फीस माफ करने का फैसला किया था, ताकि उनकी ग्रेजुएशन या पोस्ट ग्रेजुएशन की शिक्षा अधूरी न रहे या फिर ये सभी छात्र शिक्षा से वंचित न रहें.' 

इस बात को इसी सत्र से सुनिश्चित करने की बात कही
वहीं,  मंत्री ने इस वर्ष भी पूरी फीस माफी के प्रावधान को सख्ती से लागू करने की बात कही. उन्होंने कहा कि स्टूडेंट्स के हितों को ध्यान में रखते हुए, सभी यूनिवर्सिटीज और सहायता प्राप्त कॉलेजों पर विशेष ध्यान दिया गया है, ताकि अनाथ छात्रों की शिक्षा को कोई नुकसान न पहुंचे और उन्हें बीच में पढ़ाई ना छोड़ना पड़े.

पूर्व शिक्षा मंत्री पहले ही कह चुके हैं ये 
वहीं, पिछले साल पूर्व शिक्षा मंत्री उदय सामंत ने भी ऐसे छात्रों के लिए समान शुल्क माफी का ऐलान किया था, जिनके माता-पिता का कोविड19 में देहांत हो गया था, जिसके बाद राज्य के विश्वविद्यालयों, कॉलेजों और सरकारी और प्राइवेट स्कूलों ने भी कोरोना काल के मद्देनजर पिछले दो वर्षों में फीस न बढ़ाने का फैसला लिया था. 

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