UPSC की तैयारी के दौरान छूटा मां का साथ, पर नहीं मानी हार, IAS बन मां को दी श्रद्धांजली
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UPSC की तैयारी के दौरान छूटा मां का साथ, पर नहीं मानी हार, IAS बन मां को दी श्रद्धांजली

IAS Ankita Chaudhary Success Story: अंकिता ने अपनी कड़ी मेहनत के दम पर यूपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा में ऑल इंडिया 14वीं रैंक हासिल कर आईएएस का पद हासिल किया था.

UPSC की तैयारी के दौरान छूटा मां का साथ, पर नहीं मानी हार, IAS बन मां को दी श्रद्धांजली

IAS Ankita Chaudhary Success Story: देश भर में हर साल लाखों स्टूडेंट्स यूपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी करते हैं. इस परीक्षा को क्रैक करने के लिए छात्रों को काफी मेहनत भी करनी पड़ती है. बहुत से छात्रों को इस परीक्षा में सफल होने के लिए बहुत कुछ खोना पड़ता है. लेकिन आज हम आपको एक ऐसी उम्मीदवार के बारे में बताएंगे जिन्होंने इस परीक्षा की तैयारी के दौरान अपनी मां को ही खो दिया. 

IAS ऑफिसर बन दी मां को श्रद्धांजली 
दरअसल, हम बात कर रहें हैं हरियाणा की रहने वाली अंकिता चौधरी की, जिन्होंने साल 2018 में यूपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा देने से पहले अपनी मां को ही खो दिया था. परीक्षा की तैयारी के दौरान ही अंकिता की मां की मृत्यु हो गई थी. इस नुकसान की भरपाई शायद कभी ना हो पाए, लेकिन उन्होंने इसके बावजूद हार नहीं मानी और अपनी कड़ी मेहनत के दम पर यूपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा में ऑल इंडिया 14वीं रैंक हासिल कर आईएएस ऑफिसर (IAS Officer) बन गई और इसी के जरिए उन्होंने अपनी मां को भी श्रद्धांजली दी.

पिता ने दिया साथ
बता दें कि अंकिता ने अपनी पोस्ट ग्रेजुएशन के तुरंत बाद ही यूपीएससी की तैयारी शुरू कर दी थी. यूपीएससी की तैयारी के दौरान ही एक समय ऐसा आया था, जब अंकिता को पता लगा कि उनकी मां का साथ उनसे छूट गया है. इस खबर से अंकिता पूरी तरह से हिल गई थीं. हालांकि, वो कमजोर नहीं पड़ी और परीक्षा की तैयारी जारी रखी. इसमें अंकिता के पिता ने उनका बहुत साथ दिया.

दूसरे प्रयास में क्रैक की परीक्षा
बता दें कि जब पहली बार अंकिता ने यूपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा दी थी, तब उन्हें सफलता नहीं मिल पाई थी और दूसरे अटेंप्ट से पहले उनकी मां की मृत्यु भी हो गई थी. इसके बाद उन्होंने अपनी कमजोरियों पर काम करना शुरू किया और साल 2018 में सही प्लानिंग के साथ दूसरी बार यूपीएएसी का एग्जाम दिया. इस बार उन्होंने ऑल इंडिया में 14 रैंक हासिल कर अपना औप अपनी मां का सपना भी पूरा किया. बता दें कि अंकिता ने अपनी सफलता का पूरा श्रेय अपने पिता को दिया है, जिन्होंने हमेशा परीक्षा की तैयारी के दौरान उनका साथ दिया था.

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