Varun Gandhi Future: लोकसभा चुनाव में पीलीभीत से टिकट ना मिलने के बाद से ही वरुण गांधी के भविष्य को लेकर चर्चा हो रही है. अब उनकी मां मेनका गांधी ने वरुण के भविष्य को लेकर पूछे गए सवाल पर जवाब दिया है.
Trending Photos
Varun Gandhi Political Future: भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने अपने 'फायरब्रांड नेता' वरुण गांधी को इस बार टिकट नहीं दिया है. इसके बाद चर्चा तेज हो गई थी कि वरुण पार्टी छोड़ देंगे या निर्दलीय चुनाव लड़ सकते हैं. हालांकि, उन्होंने ना ही पार्टी छोड़ी और ना ही निर्दलीय पर्चा दाखिल किया. इसके साथ ही वो अब अपनी मां मेनका गांधी के लिए चुनाव प्रचार करने के लिए भी तैयार हैं. वरुण की मां और सांसद मेनका गांधी को बीजेपी ने सुल्तानपुर से एक बार फिर टिकट दिया है. इस बीच मेनका गांधी ने वरुण के भविष्य को लेकर पूछे गए सवाल पर जवाब दिया है.
वरुण गांधी का क्या होगा राजनीतिक भविष्य?
मेनका गांधी ने कहा, 'मुझे इस पर क्या कहना. पार्टी जो फैसला करती है, अच्छा ही करती है. वरुण बहुत अच्छे एमपी थे. जो बनेंगे वो भी देश के लिए अच्छा ही बनेंगे. क्या मालूम क्या भविष्य होगा. जो भी होगा अच्छा ही होगा. भारतीय जनता पार्टी (BJP) कार्यकर्ताओं वाली पार्टी है. पार्टी का शीर्ष नेतृत्व जो फैसला करता है, उसे सब मानते हैं.' इसके साथ ही उन्होंने साफ किया कि टिकट ना मिलने से वरुण गांधी ना हैरत में हैं और ना ही परेशान हैं.
टीओआई से बात करते हुए मेनका गांधी ने कहा, 'वरुण गांधी दूसरी पार्टी जॉइन करेंगे या भविष्य को लेकर उनकी क्या योजनाएं हैं, उसके बारे में मुझे कुछ मालूम नहीं है. मुझे मंत्री बनाया जाएगा या नहीं, ये मायने नहीं रखता. हम तो चुनाव के लिए तैयार हैं और हमेशा रहते हैं. बीजेपी के लोग यहां 5 साल से काम कर रहे हैं और काम की गति बढ़ी ही है.'
पीलीभीत से 3 बार चुनाव जीत चुके हैं वरुण गांधी
वरुण गांधी (Varun Gandhi) ने राजनीति में करियर की शुरुआत भारतीय जनता पार्टी (BJP) से की थी. वर्तमान में भी बीजेपी से जुड़े हैं, लेकिन इस बार पार्टी ने उन्हें लोकसभा चुनाव का टिकट नहीं दिया है. वरुण ने साल 2004 में बीजेपी जॉइन किया था, लेकिन इससे पहले ही वह राजनीतिक मंच पर नजर आने लगे थे. साल 1999 में उन्होंने पीलीभीत में अपनी मां मेनका गांधी (Maneka Gandhi) के लिए लोकसभा चुनाव में प्रचार किया था. इसके बाद 2009 के चुनाव में बीजेपी ने पहली बार वरुण को पीलीभीत से लोकसभा चुनाव में उतारा और उन्होंने जीत दर्ज की. इसके बाद 2014 के चुनाव में सुल्तानपुर से टिकट मिला और उन्होंने यहां भी जीत हासिल कर ली. 2019 के चुनाव में बीजेपी ने वरुण को वापस पीलीभीत भेज दिया और वह लगातार तीसरी बार जीतकर लोकसभा पहुंचे. उत्तर प्रदेश की राजनीति में वरुण गांधी की पहचान एक 'फायरब्रांड नेता' के रूप में होती है.