Indian Navy Admiral Epaulettes: सिंधुदुर्ग में नौसेना दिवस 2023 के दौरान, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने घोषणा की थी कि इंडियन नेवी के एडमिरल्स एपॉलेट्स का नया डिजाइन छत्रपति शिवाजी महाराज की नौसेना पताका और राजमुद्रा से प्रेरणा लेता है.
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Indian Navy New Admiral Epaulettes: भारतीय नौसेना ने शुक्रवार को एडमिरल्स एपॉलेट्स के लिए अपने नए डिजाइन का अनावरण किया. नौसेना के बयान के अनुसार, नौसेना ध्वज से प्रेरित डिजाइन में छत्रपति शिवाजी महाराज की राजमुद्रा के तत्वों को शामिल किया गया है, जो देश की समुद्री विरासत के साथ गहरे संबंध को दर्शाता है.
राजमुद्रा, छत्रपति शिवाजी महाराज द्वारा अपने आधिकारिक पत्राचार में इस्तेमाल की जाने वाली एक प्रतीकात्मक मुहर, बहुत ऐतिहासिक महत्व रखती है. यह शिवाजी महाराज को उनके पिता शाहजीराजे भोसले द्वारा प्रदान की गई थी. इसे कई ऐतिहासिक दस्तावेजों में चित्रित भी किया गया है.
यह अनावरण एपॉलेट्स के डिजाइन में चार अलग-अलग तत्वों को पेश करता है. सबसे पहला है गोल्डन नेवी बटन, जिसे औपनिवेशिक संघों को खत्म करने के लिए डिजाइन किया गया था, और यह मानसिकता में बदलाव का भी प्रतीक है. दूसरा है, अष्टकोण जो आठ प्रमुख दिशाओं का प्रतिनिधित्व करता है. साथ ही यह एक व्यापक और दूरंदेशी दृष्टिकोण का भी प्रतीक है. तीसरा तत्व है तलवार, जो नौसेना के उद्देश्य के सार पर जोर देती है. अंत में है टेलीस्कोप, जो निरंतर विकसित हो रही दुनिया में दूरदर्शिता, दीर्घकालिक दृष्टि और सतर्कता का प्रतीक है.
नौसेना का बयान इस बात पर प्रकाश डालता है कि यह नया डिजाइन भारत की समृद्ध समुद्री विरासत का सच्चा प्रमाण है.
इससे पहले, सिंधुदुर्ग में नौसेना दिवस 2023 के दौरान, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने घोषणा की थी कि नया डिजाइन छत्रपति शिवाजी महाराज की नौसेना पताका और राजमुद्रा से प्रेरणा लेता है. उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि यह डिजाइन भारत की समृद्ध समुद्री विरासत का वास्तविक प्रतिनिधित्व करता है.
नौसेना दिवस समारोह के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ''छत्रपति शिवाजी महाराज से प्रेरित होकर देश परतंत्रता की मानसिकता को पीछे छोड़कर आगे बढ़ रहा है. मुझे खुशी है कि हमारे नौसेना अधिकारी जो एपॉलेट्स पहनते हैं, उनमें अब छत्रपति शिवाजी महाराज की विरासत के दर्शन होंगे."
उन्होंने आगे कहा, "नए एपॉलेट्स पर अब शिवाजी महाराज की सेना का प्रतीक होगा. यह मेरा सौभाग्य है कि मुझे नौसेना ध्वज को छत्रपति शिवाजी महाराज की विरासत के साथ जोड़ने का अवसर मिला."