IAS Ritika Jindal success Story: रितिका ने भारत की सबसे कम उम्र की IAS अफसरों की लिस्ट में शामिल हैं.
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IAS Success Story: कुछ लोगों को बहुत कम उम्र में ही मुश्किलों का सामना करना पड़ता है, लेकिन हार मानने के बजाय, वो और मजबूत बनकर वापसी करते हैं और जीवन में कुछ खास हासिल कर लेते हैं. ऐसी ही एक मोटिवेशनल स्टोरी है आईएएस रितिका जिंदल की.
रितिका जिंदल पंजाब के मोगा शहर से ताल्लुक रखती हैं. वो स्कूल के दिनों से ही पढ़ाई में बहुत तेज थीं. इस उपलब्धि के लिए रितिका को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सम्मानित किया था. इसके बाद उन्होंने साल 2017 में 95 फीसदी अंकों के साथ ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल की. उन्होंने दिल्ली के श्री राम कॉलेज ऑफ कॉमर्स से ग्रेजुएशन पूरी की. रितिका ने ग्रेजुएशन की पढ़ाई के तीसरे साल में ही यूपीएससी की तैयारी शुरू कर दी थी.
मगर, यूपीएससी की तैयारी के दौरान ही रितिका के पिताजी को मुंह और फेफड़ों का कैंसर हो गया. उन्होंने अस्पताल में रहते हुए भी पढ़ाई जारी रखी और अपने पिताजी की देखभाल भी की.
इस सबके बावजूद, रितिका अपनी पहली कोशिश में परीक्षा पास नहीं कर पाईं. लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी. साल 2019 में दूसरी कोशिश में मात्र 22 साल की उम्र में ही 88वीं रैंक हासिल कर रितिका ने UPSC क्लियर कर लिया. वो भारत की सबसे कम उम्र की IAS अफसरों में से एक बन गईं. हालांकि, उनके IAS ट्रेनिंग के दौरान ही उनके माता-पिता दोनों का निधन हो गया.
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रितिका ने अपने यूपीएससी की तैयारी के बारे में एक इंटरव्यू में बताया, "अपने पिताजी को जिंदगी की जंग लड़ते देख मुझे बहुत हिम्मत मिली और मैंने परीक्षा के लिए और भी ज्यादा मेहनत की."
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