RBI: महंगा हो रहा खाने-पीने का सामान, आखिर कब कम होगी महंगाई? आरबीआई गवर्नर ने जताई ये उम्मीद
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RBI: महंगा हो रहा खाने-पीने का सामान, आखिर कब कम होगी महंगाई? आरबीआई गवर्नर ने जताई ये उम्मीद

Reserve Bank of India Governor: आपको बता दें कि पिछले कुछ दिनों में सब्जियों के दाम में बढ़ोतरी देखी गई है और बढ़ती कीमतों से आम जनता को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.

RBI: महंगा हो रहा खाने-पीने का सामान, आखिर कब कम होगी महंगाई? आरबीआई गवर्नर ने जताई ये उम्मीद

Inflation Rate in India: देशभर में इस समय महंगाई चरम पर पहुंच गई है. खाने-पीने का सामान हर दिन महंगा होता जा रहा है. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (Reserve Bank of India) की तरफ से इस बारे में जानकारी दी गई है. RBI के गवर्नर शक्तिकांत दास ने बुधवार को खाद्य कीमतों में बढ़ोतरी को मुद्रास्फीति (inflation) पर काबू पाने के रास्ते में जोखिम बताया है. उन्होंने कहा कि ऐसे झटकों में कमी लाने के लिए आपूर्ति सुधारने के लिए समयबद्ध प्रयासों की जरूरत है. दास ने 'ललित दोषी स्मृति व्याख्यान' देते हुए कहा कि सब्जियों की कीमतों में बढ़ोतरी का झटका अल्पकालिक है और मौद्रिक नीति मौजूदा झटकों के शुरुआती प्रभावों को कम करने के लिए इंतजार कर सकती है. हालांकि, उन्होंने कहा कि आरबीआई इसके लिए सजग रहेगा कि इन आघातों के दूसरे दौर के प्रभाव न सामने आएं.

महंगी हो रही हैं सब्जियां

आपको बता दें सब्जियों की बढ़ती कीमतों से आम जनता को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा है. फिलहाल 140-180 रुपये प्रति किलो बिकने वाले टमाटर का भाव अब 50 से 80 रुपये प्रति किलो के लेवल पर आ गया है. वहीं, अब प्याज की कीमतों में भी इजाफा देखने को मिल रहा है. 

सितंबर 2022 से बढ़ रही महंगाई

शक्तिकांत दास ने कहा, "खाद्य कीमतों में बार-बार हो रही बढ़ोतरी का झटका मुद्रास्फीति अपेक्षाओं को स्थिर करने के लिए जोखिम पैदा करता है. खाद्य कीमतों में बढ़ोतरी का दौर सितंबर, 2022 से ही चल रहा है."

सब्जियों की वजह से बढ़ रही महंगाई

सितंबर से सब्जियों की मुद्रास्फीति दर काफी धीमी हो जाएगी. सब्जियों और अनाजों की बढ़ती कीमतों के कारण जुलाई में खुदरा मुद्रास्फीति बढ़कर 7.44 फीसदी हो गई जो 15 महीनों में सबसे अधिक है. 

मुद्रास्फीति को 4 फीसदी पर रखने का लक्ष्य

इसके साथ ही उन्होंने आपूर्ति पक्ष से जुड़े सतत एवं समयबद्ध हस्तक्षेप को भी इस तरह के झटकों की गंभीरता एवं अवधि कम करने के लिए जरूरी बताया. उन्होंने कहा कि आरबीआई मुद्रास्फीति को चार फीसदी पर रखने के लक्ष्य को लेकर प्रतिबद्ध है और देश में ऊंची ब्याज दरें लंबे समय तक रहने वाली हैं.

ब्याज दरों में लगातार हो रहा इजाफा

आरबीआई ने पिछले साल फरवरी में रूस-यूक्रेन युद्ध छिड़ने के बाद से मुद्रास्फीति में आई तेजी के बीच ब्याज दरों में लगातार बढ़ोतरी कर इसे 6.50 फीसदी तक पहुंचा दिया है. आरबीआई ने मुद्रास्फीति पर काबू पाने के लिए ऐसा किया है.
(इनपुट - भाषा एजेंसी)

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