Railways: मंत्रालय की तरफ से जारी बयान में कहा गया कि वित्त पोषण में पर्याप्त वृद्धि हुई है और आवंटन 2009-14 के दौरान 4,380 करोड़ रुपये से तीन गुना बढ़कर 2024-25 में 13,941 करोड़ रुपये हो गया है.
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Railway Ministry: रेलवे मंत्रालय की तरफ से देश के अलग-अलग हिस्सों में कई प्रोजेक्ट पर काम चल रहा है. मुंबई से अहमदाबाद रूट पर बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट को लेकर देशवासियों को काफी इंतजार है. लेकिन पश्चिम बंगाल में चल रहे प्रोजेक्ट में देरी हो रही है. रेल मंत्रालय की तरफ से जारी आधिकारिक बयान में कहा कि पश्चिम बंगाल में कई रेलवे बुनियादी ढांचा परियोजनाओं में अहम देरी हुई है, जिसका कारण भूमि अधिग्रहण में आने वाली चुनौतियां हैं.
बढ़कर तीन गुना हो गया आवंटन
मंत्रालय की तरफ से जारी बयान में कहा गया कि वित्त पोषण में पर्याप्त वृद्धि हुई है और आवंटन 2009-14 के दौरान 4,380 करोड़ रुपये से तीन गुना बढ़कर 2024-25 में 13,941 करोड़ रुपये हो गया है. इसके बावजूद परियोजनाओं में देरी हो रही है. बयान के अनुसार 1 अप्रैल, 2024 तक पश्चिम बंगाल में 43 रेलवे प्रोजेक्ट चालू थे, जिनकी कुल लंबाई 4,479 किलोमीटर है और लागत 60,168 करोड़ रुपये है. ये परियोजनाएं पूरी या आंशिक रूप से पश्चिम बंगाल में हैं और पूर्वी रेलवे, दक्षिण पूर्वी रेलवे और पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे के तहत आती हैं.
नयी लाइन बिछाने और आधुनिकीकरण का काम शामिल
इन प्रोजेक्ट में नयी लाइन बिछाने और आधुनिकीकरण का काम शामिल है. मंत्रालय ने कहा कि इनमें से 1,655 किलोमीटर का काम पूरा हो चुका है और इस पर मार्च 2024 तक 20,434 करोड़ रुपये का पूंजीगत व्यय हुआ. मंत्रालय ने कहा कि अधिग्रहण एक बड़ी बाधा है, क्योंकि कुल 3,040 हेक्टेयर की आवश्यकता में केवल 640 हेक्टेयर (21 प्रतिशत) का अधिग्रहण किया गया है. रेलवे राज्य सरकारों के माध्यम से अपनी परियोजनाओं के लिए जमीन अधिग्रहण करता है. (इनपुट भाषा)