Gautam Adani Controversy: भारतीय उद्योगपति गौतम अडानी और उनके समूह पर नई आफत आई है. अमेरिका में धोखाधड़ी, फ्रॉड और रिश्वतखोरी के गंभीर आरोपों के बाद, केन्या ने अडानी समूह के साथ हुई 30 साल की एक बड़ी डील को रद्द कर दिया है.
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Gautam Adani Controversy: भारतीय उद्योगपति गौतम अडानी और उनके समूह पर नई आफत आई है. अमेरिका में धोखाधड़ी, फ्रॉड और रिश्वतखोरी के गंभीर आरोपों के बाद, केन्या ने अडानी समूह के साथ हुई 30 साल की एक बड़ी डील को रद्द कर दिया है. यह डील केन्या में पावर लाइनों के निर्माण और देश के मुख्य अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट के संचालन से जुड़ी थी.
अमेरिका में फ्रॉड के आरोप
गौतम अडानी पर अमेरिका की एक अदालत में धोखाधड़ी और घूसखोरी के गंभीर आरोप लगाए गए हैं. आरोपों के मुताबिक अडानी समूह ने कथित तौर पर अपने कारोबारी हितों को आगे बढ़ाने के लिए गलत तरीकों का सहारा लिया. अमेरिका में यह मामला दर्ज होने के बाद से अडानी समूह पर अंतरराष्ट्रीय दबाव बढ़ने लगा है.
केन्या ने क्यों लिया बड़ा फैसला?
केन्या के राष्ट्रपति ने अडानी समूह के साथ हाल ही में साइन की गई 30 साल की पावर लाइन निर्माण की डील को रद्द करने का आदेश दिया है. इसके साथ ही देश के मुख्य एयरपोर्ट के संचालन को लेकर अडानी की योजना पर भी रोक लगा दी गई है. केन्या के अधिकारियों ने बताया कि उन्हें अपने साझेदार देशों से "नए और गंभीर सबूत" मिले हैं, जिसके बाद यह कदम उठाया गया.
डील की अहमियत और रद्द होने का असर
अडानी समूह के लिए यह डील अफ्रीका में अपने पैर पसारने का एक बड़ा मौका थी. 30 साल की इस डील के तहत पावर ट्रांसमिशन लाइनों के निर्माण और देश की बुनियादी ढांचे को विकसित करने का काम होना था. लेकिन अब इस डील के रद्द होने से अडानी समूह की छवि और कारोबारी हितों पर बड़ा असर पड़ सकता है.
पहले भी विवादों में रहा अडानी समूह
यह पहली बार नहीं है जब अडानी समूह पर गंभीर आरोप लगे हैं. इससे पहले भी अडानी पर पर्यावरण नियमों का उल्लंघन, कर चोरी और कारोबारी प्रतिस्पर्धा को नुकसान पहुंचाने के आरोप लग चुके हैं. लेकिन इस बार अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उठे सवालों ने समूह के लिए नई चुनौती खड़ी कर दी है. अमेरिका में लगाए गए आरोपों और केन्या में डील रद्द होने के बाद, अडानी समूह के अन्य अंतरराष्ट्रीय प्रोजेक्ट्स पर भी असर पड़ सकता है.
अमेरिका में गौतम अडानी पर धोखाधड़ी के आरोप
भारतीय उद्योगपति गौतम अडानी पर अमेरिका में निवेशकों के साथ धोखाधड़ी करने का आरोप लगा है. उन पर आरोप है कि उन्होंने भारत में सौर ऊर्जा परियोजनाओं के अनुबंध और फंडिंग हासिल करने के लिए बड़े पैमाने पर रिश्वत दी और यह जानकारी अमेरिकी निवेशकों से छिपाई. इस मामले में अडानी के भतीजे सागर अडानी, जो अडानी ग्रीन एनर्जी के कार्यकारी निदेशक हैं, और कंपनी के पूर्व सीईओ विनीत जैन पर भी आरोप लगे हैं. विनीत जैन 2020 से 2023 तक कंपनी के सीईओ रहे और अब कंपनी के प्रबंध निदेशक हैं.
ब्रुकलिन की अदालत में दर्ज हुए दो मामले
62 वर्षीय गौतम अडानी पर बुधवार को प्रतिभूति धोखाधड़ी और साजिश रचने के आरोप लगाए गए. यह मामले ब्रुकलिन की संघीय अदालत में दर्ज किए गए हैं. यह मामला भारत सरकार को 12 गीगावाट सौर ऊर्जा बेचने के लिए रिश्वत देने से जुड़ा है. अडानी और उनके सहयोगियों पर आरोप है कि उन्होंने अरबों डॉलर के अनुबंध और वित्त पोषण पाने के लिए करीब 26.5 करोड़ डॉलर की रिश्वत देने या देने की योजना बनाई थी.
निवेशकों को गुमराह करने का आरोप
अडानी पर अमेरिकी निवेशकों को गुमराह करने और वास्तविक स्थिति छिपाने का भी आरोप है. अमेरिकी शेयर बाजार के इन निवेशकों ने पिछले पांच सालों में अडानी की इस परियोजना में अरबों डॉलर का निवेश किया था. उप सहायक अटॉर्नी जनरल लिसा मिलर ने कहा कि अडानी और उनके सहयोगियों ने अमेरिकी निवेशकों को नुकसान पहुंचाकर भ्रष्टाचार और धोखाधड़ी के जरिए ऊर्जा आपूर्ति अनुबंध और फंडिंग हासिल करने की कोशिश की. अमेरिकी अटॉर्नी ब्रियोन पीस ने कहा कि आरोपियों ने एक सुनियोजित साजिश के जरिए वित्तीय बाजारों से फायदा उठाने की कोशिश की.
धोखाधड़ी-रोधी कानूनों का उल्लंघन
अमेरिकी प्रतिभूति और विनिमय आयोग (SEC) ने अडानी और उनके सहयोगियों पर प्रतिभूति कानूनों के धोखाधड़ी-रोधी प्रावधानों का उल्लंघन करने का आरोप लगाया है. नियामक ने उन पर जुर्माना लगाने और अन्य प्रतिबंधों की मांग की है.