Ethanol fuel nitin gadkari: केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी का कहना है कि अब समय आ गया जब हमें बिजली, इथेनॉल, मेथनॉल, और हाइड्रोजन का उपयोग शुरू कर देना चाहिए.
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Petrol diesel alternative: केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) ने शनिवार को जनता से अपील की कि डीजल और पेट्रोल की बजाय एथेनॉल, मेथेनॉल, इलेक्ट्रिक और सीएनजी के वाहन प्रयोग करें जिससे किराया भी सस्ता होगा. नितिन गडकरी इंडियन रोड कांग्रेस (IRC) के 81वें अधिवेशन के उद्घाटन के मौके पर बोल रहे थे. अपने संबोधन में गडकरी ने दावा किया कि 2024 तक उत्तर प्रदेश में सड़कों का बुनियादी ढांचा अमेरिका के बराबर होगा. गडकरी ने कहा कि जरूरी नहीं है कि हमारे पास सबकुछ ‘‘बेस्ट’’ ही हो, समय की मांग है कि ‘‘वेस्ट’’ का प्रयोग कर उत्तर प्रदेश में वातावरण को बिना नुकसान पहुंचाए सड़क का निर्माण किया जाये.
11 अक्टूबर को आ रही बायो एथेनॉल पर चलने वाली गाड़ी
गडकरी ने कहा, "यूपी सबसे ज्यादा एथेनॉल का उत्पादन करता है. 11 अक्टूबर को मुझे एक ऐसा वाहन लॉन्च करना है जो 100% बायो एथेनॉल पर चलता है. योगीजी, मैं आपसे यह अनुरोध करना चाहता हूं कि अगले 5 सालों में राज्य पेट्रोल और डीजल पर अपनी निर्भरता को पूरी तरह से समाप्त कर दे. मैं आपसे एक निवेदन करना चाहता हूं. इलेक्ट्रिक बसों की शुरुआत की जाए. अगर आप ऐसा करते हैं, तो आप टिकट के दाम 25% कम करने के बावजूद राज्य में लंदन जैसी प्रणाली को लागू करने में सक्षम होंगे."
पराली से बन रहा एथेनॉल
उन्होंने कहा कि आज हम पराली से एक लाख लीटर बायो एथेनॉल बना रहे हैं और साथ ही हम इससे बायो सीएनजी बनाने पर भी काम कर रहे हैं. गडकरी ने ग्रीन हाइड्रोजन को भविष्य की जरूरत करार देते हुए कहा कि अगर हमारे देश के 117 जिलों में इस तकनीक पर काम किया जाए तो उन्हें आर्थिक रूप से मजबूत होने में पूरी मदद मिलेगी और इससे देश में रोजगार सृजन भी होगा.
रोड एक्सीडेंट में हर साल 20 हजार मौत
मुख्यमंत्री ने सड़क सुरक्षा के मुद्दे पर कहा, ‘‘गलत इंजीनियरिंग के कारण हर साल बहुत से लोगों की जान चली जाती है. कोरोना जैसी महामारी के दौरान उत्तर प्रदेश में लगभग 23,600 मौतें हुई हैं, लेकिन अगर सड़क दुर्घटनाओं की बात करें तो हर साल 20 हजार मौतें हो रही हैं. ये मौतें हमारे सामने सबसे बड़ी चुनौती है. मैं चाहता हूं कि अगले तीन दिन तक चलने वाले इंडियन रोड कांग्रेस के इस अधिवेशन में आप सभी तकनीकी विशेषज्ञ इस बात पर मंथन करें कि कैसे टेक्नोलॉजी का उपयोग करके हम सड़क दुर्घटना को कम कर सकते हैं.’’.
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