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Shaniwar Shani Upay: ज्योतिष शास्त्र के अनुसार हर व्यक्ति को जीवन में कभी न कभी शनि की महादशा का सामना करना पड़ता है. शनि देव को कर्म फलदाता के नाम से जाना जाता है. कहते हैं कि शनि व्यक्ति को उनके कर्मों के हिसाब से फल देते हैं. अच्छे कर्म करने वालों को शुभ और बुरे कर्म करने वालों को अशुभ फलों की प्राप्ति होती है. मान्यता है कि अगर शनि देव किसी से प्रसन्न होते हैं, तो उन्हें राजा बना देते हैं लेकिन शनि की क्रूर दृष्टि व्यक्ति को बर्बाद करने में भी देर नहीं लगाती.
शनि के दुष्प्रभाव से बचने के लिए करें ये उपाय
- शनिवार के दिन शनि देव की विदि-विधान से पूजा करनी चाहिए. इससे शनि देव जल्दी प्रसन्न होते हैं और भक्तों पर कृपा बरसाते हैं.
- शनिवार के दिन सूर्योदय से पहले पीपल के पेड़ के नीचे कड़वें तेल का दीपक जलाएं. साथ ही, दूध अर्पित करें.
- शनिवार के दिन हाथ से 19 हाथ लंबा काला धागा लें और उसकी माला बना लें. और इसे अपने गले में पहन लें. इससे शनि देव की अनिष्टता शांत होती है.
- शुक्रवार की रात काले चने भिगो दें और शनिवार को चने, कच्चा कोयला और लोहे की पत्ती एक काले वस्त्र में बांधें और मछली के सामने डाल दें. आपको ऐसा एक साल तक हर शनिवार करना होगा.
-कांसे की कटोरी में तिल का तेल भर लें और शनिवार के दिन उसमें अपना चेहरा देखकर दान कर दें.
-शनि की महादशा से छुटकारा पाने के लिए पीपल के पेड़ के नीचे चौमुखी दीपक सरसों के तेल का जलाएं. और तीन बार परिक्रमा करें. इससे शनि देव प्रसन्न होते हैं.
- कुंडली में शनि को मजबूत करने के लिए दाहिनी हाथ की बीच वाली अंगुली में लोहे की अंगुठी धारण कर लें. ये अंगुठी घोड़े की नाल की होनी चाहिए.
- शनिवार को शनि स्तोत्र का पाठ करें.
- शनिवार को कौवे को अनाज खिलाएं.
- जरूरतमंदों और गरीबों की सहायता करें. अपने सामर्थ्य अनुसार शनिवार के दिन शनि से संबंधित चीजों का दान करें.
- शनिवार के दिन काले कुत्ते को सरसों का तेल लगाकर रोटी खिलाएं.
- शनिवार के दिन करें इन मंत्रों का जाप
ऊँ शनैश्चराय नमः
ऊँ शान्ताय नमः
ऊँ सर्वाभीष्टप्रदायिने नमः
ऊँ शरण्याम नमः
ऊँ वरेण्याम नमः
ऊँ सर्वेशाय नमः
ऊँ सौम्याय नमः
ऊँ सुरवन्द्याय नमः
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)