मान्यता है कि 45 दिन तक नियमित रूप से शाम के समय शमी के पौधे के पास घी का दीपक जलाने से विवाह में आ रही दिक्कतें दूर होती हैं.
शमी का पौधा घर के मुख्य द्वार पर बाहर की तरफ लगाया जा सकता है. शाम के समय शमी के पौधे के पास दीपक जलाने से आर्थिक स्थिति में सुधार होता है. इसे सीधा गमले या जमीन पर भी लगाया जा सकता है.
ज्योतिषीयों का मानना है कि ये पौधा दैवीय और पवित्र होता है इसलिए इसे घर में लगाते समय साफ मिट्टी का प्रयोग करें. पौधे के आसपास सफाई रखें. इतना ही नहीं, शमी का पौधा कभी भी घर के अंदर नहीं लगाया जाता. इसे छत पर घर की दक्षिण दिशा में लगाना चाहिए. अगर दक्षिण दिशा में धूप न लगे, तो इसे पूर्व दिशा में भी रखा जा सकता है.
शनि देव के साथ-साथ शिव जी को भी शमी का पौधा बेहद प्रिय है. इसे लगाने से घर में सुख-समृद्धि आती है और दुख दूर होते हैं. इसे शनिवार के दिन घर पर लगाना शुभ माना गया है. इसके अलावा दशहरे के दिन भी इस पौधे को लगाया जा सकता है.
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जिन जातकों पर शनि की साढ़े साती या ढैय्या चल रही होती है, उन्हें घर में शमी का पौधा लगाने की सलाह दी जाती है. इससे शनि के प्रभाव कम हो जाते हैं.
शमी का पौधा शनिदेव को समर्पित है. कहते हैं कि घर में शमी का पौधा लगाने से घर में बरकत होती है और घर का वास्तु दोष दूर होता है. शमी का पौधा घर में लगाने से सभी बाधाओं से छुटकारा मिलता है. ज्योतिष अनुसार नियमित रूप से शमी की पूजा करने से विवाह संबंधी समस्याएं भी दूर होती हैं.
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