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Dridra Yog Upay: व्यक्ति के जन्म के साथ ही उसकी राशि निर्धारित हो जाती है और उसी राशि से व्यक्ति के भूत,भविष्य के बारे में जाना जा सकता है. जन्म के साथ ही कुंडली में कई ऐसे योग बनते हैं, जिससे उसके जीवन में सकारात्मक और नकारात्मक प्रभाव देखने तो मिलते हैं. कहते हैं कि व्यक्ति का भाग्य उसकी कुंडली देखकर पता लगाया जा सकता है.
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार अगर किसी व्यक्ति के जीवन में किसी तरह की समस्या आ रही है, तो कुंडली में ग्रहों का अशुभ प्रभाव इसके पीछे कारण होता है. वहीं, अगर किसी व्यक्ति की कुंडली में ग्रहों का शुभ योग होता है, तो वह व्यक्ति जीवन में खूब तरक्की करता है. हर कार्य में उसको सफलता प्राप्त होती है. शुभ ग्रह व्यक्ति को धन और यश प्रदान करते हैं. लेकिन वहीं अशुभ योग के चलते व्यक्ति का सारा जीवन संघर्ष में बितता है. इसे दरिद्र योग कहते हैं. ज्योतिष शास्त्र में दरिद्र योग के कुछ उपायों के बारे में बताया गया है, जिन्हें करने से व्यक्ति को इन योगों से मुक्ति मिलती है और जीवन में आ रही समस्याएं दूर होती हैं.
कुंडली में कैसे बनता है दरिद्र योग
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जब भी कोई शुभ ग्रह किसी भी अशुभ ग्रह से संपर्क में आता है, तो उससे दरिद्र योग का निर्माण होता है. वहीं, देवगुरू बृहस्पति 6 से 12 वें भाव में बैठते हैं, तो इस योग का निर्माण होता है.
दरिद्र योग से बचने के खास उपाय
1. अगर किसी जातक की कुंडली में दरिद्र योग है, तो घर के मुख्य द्वार पर स्वास्तिक का चिन्ह बना लें. इस उपाय को करने से कुंडली में दरिद्र योग के अशुभ प्रभाव कम हो जाते हैं.
2. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार दरिद्र योग के प्रभावों को कम करने के लिए माता-पिता का सम्मान करना चाहिए.
3. कुंडली में दरिद्र योग के प्रभावों को कम करने के लिए अपने मध्यमा अंगुली में तीन धातु का छल्ला पहनने से व्यक्ति पर कंगाली का असर नहीं होता. इसके अलावा, तीन धातु का कड़ा भी पहन सकते हैं.
4. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार दरिद्र योग से बचनेके लिए गजेंद्र मोक्ष का पाठ करना जरूरी है. इससे भी ग्रह शांत होते हैं.
5. बता दें कि गीता के 11 अध्याय का पाठ करने से व्यक्ति की कुंडली में दरिद्र योग का नाश होता है.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)