Chandrababu Naidu on Revanth Reddy: चंद्रबाबू नायडू ने अपने तेलंगाना के सीएम रेवंत रेड्डी को चिट्ठी लिखी है. जिसमें उन्होंने राज्यों में कई मुद्दों पर चर्चा करने के लिए 6 जुलाई को आमने-सामने की बैठक का प्रस्ताव रखा गया है.
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Chandrababu Naidu on Revanth Reddy: आंध्र प्रदेश के सीएम एन चंद्रबाबू नायडू ने अपने तेलंगाना के सीएम रेवंत रेड्डी को चिट्ठी लिखी है. जिसमें उन्होंने राज्यों में कई मुद्दों पर चर्चा करने के लिए 6 जुलाई को आमने-सामने की बैठक का प्रस्ताव रखा गया है. सोमवार को अपने पत्र में, चंद्रबाबू नायडू ने हैदराबाद में रेवंत रेड्डी के घर पर मिलने का प्रस्ताव रखा है. चंद्रबाबू नायडू के कांग्रेसी सीएम से मिलने के प्रस्ताव ने राजनीतिक हलकों में सनसनी पैदा कर दी है.
इस बीच दोनों राज्यों के बीच संभावित सहयोगी परियोजनाओं के बारे में बहुत अटकलें हैं, एक विषय जिसका जिक्र चंद्रबाबू नायडू के जरिेए तेलंगाना के मुख्यमंत्री को लिखे गए पत्र में किया गया है. TDP नेता ने एक्स पर लिखा, "मैंने तेलंगाना के माननीय मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी को पत्र लिखकर हमारे दो तेलुगु भाषी राज्यों के बीच आपसी हितों के मामलों पर चर्चा करने के लिए एक बैठक का प्रस्ताव रखा है. मैं विभाजन के बाद के मुद्दों को हल करने, सहयोग बढ़ाने और हमारे राज्यों में प्रगति को सुविधाजनक बनाने के लिए उनके साथ मिलकर काम करने की आशा करता हूं."
चंद्रबाबू नायडू ने क्या कहा?
आंध्र प्रदेश के विभाजन को 10 साल हो चुके हैं. इस बीच चंद्रबाबू नायडू ने पत्र में लिखा है, "पुनर्गठन अधिनियम से उत्पन्न मुद्दों पर कई चर्चाएँ हुई हैं, जो हमारे राज्यों के कल्याण और उन्नति के लिए महत्वपूर्ण रखते हैं. आंध्र प्रदेश और तेलंगाना दोनों की निरंतर प्रगति और समृद्धि सुनिश्चित करने के लिए तेलुगु भाषी राज्यों के मुख्यमंत्रियों के लिए घनिष्ठ सहयोग को बढ़ावा देना आवश्यक है.
12 जून को सीएम पद की ली शपथ
गौरतलब है कि टीडीपी सुप्रीमो चंद्रबाबू नायडू ने 12 जून को अपने मंत्रिपरिषद के साथ आंध्र के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी. टीडीपी ने भारतीय जनता पार्टी और जनसेना पार्टी के साथ साझेदारी में आंध्र प्रदेश विधानसभा चुनाव के साथ-साथ लोकसभा चुनाव भी लड़ा था. टीडीपी-बीजेपी-जनसेना पार्टी गठबंधन ने विधानसभा के साथ-साथ संसदीय चुनावों में भी शानदार जीत दर्ज की. आंध्र प्रदेश विधानसभा में टीडीपी के 135 विधायक हैं, जबकि जनसेना पार्टी के 21 और बीजेपी के आठ विधायक हैं. विपक्षी वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के 11 विधायक हैं.