शर्मिला टैगोर की बिकनी शूट को लेकर कभी संसद में उठे थे सवाल और पोस्टर पर भिड़ गई थी अवाम
Advertisement

शर्मिला टैगोर की बिकनी शूट को लेकर कभी संसद में उठे थे सवाल और पोस्टर पर भिड़ गई थी अवाम

हाल ही में शर्मिला टैगोर ने एक इंटरव्यू में 1967 की अपनी फिल्म ‘एन इवनिंग इन पेरिस’ में फिल्माए गए बिकिनी सीन को लेकर कई दिलचस्प बातें बताई.  बहुत कम लोगों को पता है कि शर्मिला की बिकिनी को लेकर देश की पार्लियामेंट यानी संसद में भी सवाल उठे थे. एक्ट्रेस ने बताया कि उनके बिकिनी पहनने के लेकर इंडस्ट्री समेत भारत की जनता भी काफी हैरान थी.उस समय संसद में भी इसके बारे में सवाल पूछे गए थे.

शर्मिला टैगोर की बिकनी शूट को लेकर कभी संसद में उठे थे सवाल और पोस्टर पर भिड़ गई थी अवाम

र्मिला टैगोर, अपने ज़माने की जानी मानी अदाकारा रहीं है. आज भी शर्मिला टैगोर फिल्मों में एक्टिव हैं. हाल ही में उन्होंने 'गुलमोहर' से अपना ओटीटी डेब्यू किया है. बॉलीवुड की ये दिग्गज एक्ट्रेस, सैफ अली खान की मां हैं.  शर्मिला टैगोर  इंडस्ट्री की उन गिनी चुनी अदाकारा में से एक हैं जिन्होंने 60-70 के दशक में बड़े पर्दे पर कई बोल्ड सीन दिए. अभी शर्मिला टैगोर ने एक इंटरव्यू में एक चौंकाने वाला खुलासा किया है.  ये खुलासा 1967 की अपनी फिल्म ‘एन इवनिंग इन पेरिस’ में फिल्माए गए बिकिनी सीन को लेकर हैं.  इस इंटरव्यू में उन्होंने कई दिलचस्प बातें भी बताई. शर्मिला ने बात करते हुए कहा कि बहुत कम लोगों को पता है कि शर्मिला की बिकिनी को लेकर देश की पार्लियामेंट यानी संसद में भी सवाल उठ गए थे. शर्मिला ने कहा कि उनके बिकिनी पहनने के लेकर इंडस्ट्री समेत पूरे हिंदुस्तान  की जनता भी काफी हैरान थी.

जब संसद में उठ गए थे सवाल
उस समय का एक जिक्र करते हुए  शर्मिला ने बताया कि एक रात उन्होंने अपने ड्राइवर को घर के पास लगे फिल्म का एक पोस्टर हटाने के लिए कहा क्योंकि उनकी सास ‘शहर आ रही थीं’. फिल्म की रिलीज के बाद शर्मिला ने कहा कि उन्हें एहसास हुआ कि ‘एक ग्लैमरस इमेज बहुत अच्छी होती है’, लेकिन अगर उन्हें गंभीरता से लिया जाना है, तो उन्हें इससे कहीं ज्यादा ग्लैमरस होना होगा.  
उन्होंने कहा कि आराधना (1969) उस समय आई थी, और तब से उन्होंने ‘जानबूझकर अपनी स्क्रिप्ट’ चुननी शुरू कर दी.

आज भी पहचान रखती हैं
शर्मिला टैगोर ने अपने करियर की शुरुआत 14 साल की उम्र में सत्यजीत रे के प्रशंसित बंगाली नाटक 'द वर्ल्ड ऑफ अपू' से की थी. उन्होंने न केवल बंगाली सिनेमा में खुद को साबित किया बल्कि बॉलीवुड की एक फेमस एक्ट्रेस बन गई.  महान अभिनेता दिलीप कुमार से लेकर राजेश खन्ना, धर्मेंद्र, शम्मी कपूर, अमिताभ बच्चन और संजीव कुमार जैसे बॉलीवुड सितारों तक, उन्होंने इंडस्ट्री के इन सभी बड़े नामों के साथ अभिनय किया. शर्मिला ने इस इंटरव्यू में आगे बताया कि उन्होंने ‘एन इवनिंग इन पेरिस’ और ‘आराधना’ के बाद ‘अमर प्रेम’ (1972), ‘अविष्कार’ (1974), ‘मौसम’ (1975) और ‘नमकीन’ (1982) जैसी फिल्में कीं, जिनका उनकी लाइफ पर भी असर पड़ा. वह खुद को ग्लैमर से परे ले जाने में कामयाब रहीं, हालांकि उन्होंने ये भी कहा कि ‘ग्लैमर हमेशा के लिए नहीं होता’. शर्मिला टैगोर आज भी फिल्मों में एक्टिव हैं. हाल ही में उन्होंने ‘गुलमोहर’ से अपना ओटीटी डेब्यू किया है.  राहुल चित्तेला के निर्देशन में बनी इस फिल्म में मनोज बाजपेयी, सूरज शर्मा और अन्य स्टार भी हैं.

Trending news